पंचायत चुनाव लड़ना हुआ दो गुना महंगा नामांकन, जमानत राशि भी बढ़ी
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया महंगी हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने पिछले चुनाव की तुलना में नामांकन शुल्क और जमानत राशि को दोगुना कर दिया है। साथ ही उम्मीदवारों के खर्च की सीमा भी बढ़ा दी गई है।
ग्राम पंचायत सदस्य पद के सामान्य उम्मीदवारों के लिए नामांकन शुल्क 200 रुपये और जमानत राशि 800 रुपये तय की गई है। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिला उम्मीदवारों के लिए ये राशि आधी रहेगी। इन उम्मीदवारों के लिए अधिकतम खर्च की सीमा 10 हजार रुपये रखी गई है।
प्रधान पद के लिए सामान्य उम्मीदवारों का नामांकन शुल्क 600 रुपये और जमानत राशि 3 हजार रुपये होगी। आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए शुल्क 300 रुपये और जमानत राशि 1,500 रुपये होगी। खर्च की सीमा 1.25 लाख रुपये तय की गई है। क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए सामान्य उम्मीदवारों का नामांकन शुल्क 600 रुपये और जमानत राशि 1,500 रुपये रखी गई है। आरक्षित वर्ग के लिए राशि आधी रहेगी और अधिकतम खर्च एक लाख रुपये होगा।
जिला पंचायत सदस्य पद के लिए नामांकन शुल्क 1,000 रुपये और जमानत राशि 8,000 रुपये रखी गई है। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिला उम्मीदवारों के लिए शुल्क 500 रुपये और जमानत राशि 4,000 रुपये तय की गई है। खर्च की सीमा 2.50 लाख रुपये होगी।
क्षेत्र पंचायत प्रमुख पद के लिए सामान्य उम्मीदवारों का नामांकन शुल्क 2,000 रुपये और जमानत राशि 5,000 रुपये रखी गई है, जबकि आरक्षित वर्ग के लिए ये राशि आधी होगी। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन शुल्क 3,000 रुपये और जमानत राशि 25,000 रुपये रखी गई है, आरक्षित वर्ग के लिए आधी राशि लागू होगी। उम्मीदवार अधिकतम 7 लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं।
चुनाव के लिए 45 लाख मतपत्र का ऑर्डर दिया गया है। इन मतपत्रों में चार रंगों का प्रयोग होगा। ग्राम पंचायत सदस्य के लिए सफेद, क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए नीला, प्रधान पद के लिए हरा और जिला पंचायत सदस्य के लिए गुलाबी रंग का मतपत्र इस्तेमाल होगा।
राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय चुनाव के लिए नामांकन शुल्क, जमानत राशि और खर्च की सीमा तय कर दी है। कई पदों पर पिछले चुनाव की तुलना में धनराशि दोगुनी कर दी गई है, हालांकि आरक्षित वर्ग के लिए आधा खर्च वहन करना होगा।
