पेपर लीक का गंदा खेल:: नेताओं-अधिकारियों की सुरक्षा में सेंध, जासूसी और तस्करी का खतरनाक

नेताओं-अधिकारियों की सुरक्षा में सेंध, जासूसी और तस्करी का खतरनाक
X

जयपुर में राजस्थान की सुरक्षा व्यवस्था को तार-तार करने वाला एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने एसआई भर्ती परीक्षा-2021 पेपर लीक मामले में जो परतें खोली हैं, वो रोंगटे खड़े कर देने वाली हैं। यह सिर्फ पेपर लीक का मामला नहीं, बल्कि तस्करों, अपराधियों और पेपर माफियाओं का ऐसा खतरनाक गठजोड़ है, जो नेताओं और वीवीआईपी की सुरक्षा को भी दांव पर लगा सकता है। शातिर अपराधी और तस्कर पैसे के दम पर अपने परिजनों को थानेदार बनवाकर पुलिस तंत्र में घुसपैठ कर रहे थे। ये थानेदार, जो आम लोगों से लेकर बड़े नेताओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालते, क्या वाकई भरोसे के काबिल थे? भजनलाल सरकार अब इस गंदे खेल पर नकेल कसने को तैयार है, लेकिन सवाल यह है—क्या पूरा सच सामने आएगा?

पेपर लीक से थानेदार बने तस्करों के रिश्तेदार




एसओजी की जांच ने साबित कर दिया कि पेपर लीक का यह खेल कोई छोटा-मोटा घोटाला नहीं, बल्कि संगठित अपराध का एक खतरनाक नेटवर्क है। मादक पदार्थ तस्करी के आरोपी भागीरथ बिश्नोई ने अपने बेटे-बेटी को पेपर खरीदकर थानेदार बनवाया। दोनों को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया। जोधपुर के कुड़ी भगतासनी थाने के हिस्ट्रीशीटर श्रवणराम बाबल ने भी अपनी बेटी चंचल और अन्य रिश्तेदारों के लिए पेपर खरीदा, और चंचल, जो थानेदार बन चुकी थी, अब सलाखों के पीछे है। मादक पदार्थ तस्करी में पहले से पकड़े गए ओमप्रकाश फौजी ने तो जयपुर में फ्लैट किराए पर लेकर 24 अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ाने का ‘ट्यूशन सेंटर’ खोल लिया था! एसओजी ने उसे भी धर दबोचा और उसकी निशानदेही पर कई थानेदारों को गिरफ्तार किया। ये थानेदार न केवल अपराधियों को संरक्षण दे रहे थे, बल्कि तस्करों के लिए सुरक्षा घेरा तक बना रहे थे। क्या ऐसी पुलिस से नेताओं और आम लोगों की सुरक्षा की उम्मीद की जा सकती है?

टॉपर्स की लिस्ट में लुटेरे!

परीक्षा तीन दिन (13-15 सितंबर 2021) चली थी, और टॉप 300 में आए अभ्यर्थियों में से 35 (13 सितंबर), 97 (14 सितंबर) और 168 (15 सितंबर) टॉपर थे। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि टॉप 50 में आए कई अभ्यर्थी पेपर लीक के जरिए थानेदार बने और अब गिरफ्तार हो चुके हैं। यह सुरक्षा तंत्र के लिए कितना बड़ा खतरा है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं।

मास्टरमाइंड अभी भी फरार, जासूसी का खतरा

एसओजी सूत्रों के मुताबिक, इस घोटाले के दो बड़े सरगना—यूनिक भांभू और सुरेश ढाका—अभी भी पकड़ से बाहर हैं। यूनिक भांभू, जिसने हसनपुरा के रवींद्र बाल भारती स्कूल से पेपर लीक किया, कथित तौर पर विदेश भाग चुका है। अगर वह पकड़ा गया, तो कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है। सुरेश ढाका ने भी अपने गैंग के जरिए सैकड़ों अभ्यर्थियों तक पेपर पहुंचाया। इनके पकड़े जाने पर यह साफ हो सकता है कि यह नेटवर्क कितना गहरा है और क्या इसमें जासूसी का कोई एंगल भी शामिल है। क्योंकि जब अपराधी और तस्कर पुलिस में घुसपैठ कर रहे हैं, तो यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या यह सिर्फ पैसे का खेल है, या इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र भी हो सकता है?

RPSC की किरकिरी, भजनलाल सरकार की सख्ती

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की साख इस घोटाले से धूल में मिल गई है। आरएएस-2013 से लेकर एसआई भर्ती-2021 तक, आयोग लगातार विवादों में घिरा रहा। निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा और पूर्व सदस्य रामूराम राइका की गिरफ्तारी ने आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। आरएएस-2013 में पेपर लीक के बाद तत्कालीन चेयरमैन हबीब खान गौरान को परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी। अब भजनलाल सरकार ने इस गंदे खेल को खत्म करने का बीड़ा उठाया है। सरकार ने सख्त निर्देश दिए हैं कि पेपर लीक के हर पहलू की गहराई से जांच हो, और दोषियों को बख्शा न जाए। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नई नीतियां और तकनीकी उपाय लागू किए जा रहे हैं।

सुरक्षा में सेंध, नेताओं-अधिकारियों पर खतरा



यह मामला सिर्फ भर्ती घोटाले तक सीमित नहीं है। जब तस्कर और अपराधी पुलिस में घुसकर थानेदार बन रहे हैं, तो यह नेताओं, अधिकारियों और वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है। ऐसे थानेदार न केवल अपराधियों को संरक्षण दे सकते हैं, बल्कि जासूसी जैसे गंभीर अपराधों में भी शामिल हो सकते हैं। क्या कोई तस्कर का रिश्तेदार, जो पैसे देकर थानेदार बना, नेताओं की गोपनीय जानकारी लीक नहीं कर सकता? यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है।

जनता में गुस्सा, सरकार से उम्मीद

इस खुलासे ने जनता में गुस्सा पैदा कर दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब पुलिस ही अपराधियों के हाथों की कठपुतली बन जाए, तो आम आदमी की सुरक्षा कौन करेगा? भजनलाल सरकार ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है, और एसओजी को फरार सरगनाओं को पकड़ने के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

Next Story