अवैध गर्भपात मामले में डॉक्टर को दो साल की जेल

अवैध गर्भपात मामले में डॉक्टर को दो साल की जेल
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भीलवाड़ा। अतिरिक्त सेशन कोर्ट (महिला उत्पीड़न प्रकरण मामलात) ने मांडल निवासी डॉ. कामिल हुसैन को अवैध तरीके से गर्भपात कराने के मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने डॉक्टर पर जुर्माना भी लगाया है जिसे चुकाने के आदेश दिए गए हैं। अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह मामला साल 2017 का है। उस समय भीलवाड़ा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को गुप्त सूचना मिली थी कि मांडल निवासी डॉ. कामिल, हाल राजस्थान हॉस्पिटल मानव सेवा संस्थान में सरोज कुमारी शर्मा नामक महिला का अवैध और अपंजीकृत संस्थान में अवैध रूप से गर्भपात कर रहे हैं।

इस सूचना पर डॉ. जगदीश जीनगर के नेतृत्व में एक टीम, जिसमें डॉ. घनश्याम चावला, डॉ. नवीन भडाणा और पीसीएनटी जिला समन्वयक रामस्वरूप शामिल थे, मौके पर पहुंची और निरीक्षण किया। टीम ने पाया कि वहां महिला का अवैध रूप से गर्भपात किया जा रहा था। जांच में यह भी पाया गया कि डॉ. कामिल हुसैन के पास सरकार द्वारा गर्भपात करने का कोई वैध लाइसेंस नहीं था। आरोपी डॉ. कामिल का यह कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। गिरफ्तारी के बाद न्यायालय में चालान पेश किया गया और अब कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए डॉक्टर को दो साल की सजा दी है। इस फैसले से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि अवैध गर्भपात जैसे अपराधों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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