एक दूसरे से जुड़ेंगे कश्मीर और कन्याकुमारी: दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल पर पहली बार दौड़ा इलेक्ट्रिक इंजन

दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल पर पहली बार दौड़ा इलेक्ट्रिक इंजन
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रियासी। विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च पुल से होकर रविवार को पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन रियासी स्टेशन पहुंचा (Reasi )तो भारत माता की जय के जयघोष गूंजने लगे। कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेल पहुंचाने के लिए ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल परियोजना के कटड़ा-बनिहाल खंड के बीच संगलदान (रामबन) से इलेक्ट्रिक इंजन का सफल ट्रायल कर बड़ी उपलब्धि हासिल की।स्टेशन पर रेलवे इंजीनियर सहित और भी कई अधिकारी मौजूद रहे। संगलदान से रियासी के बीच ट्रेन को 30 जून को हरी झंडी दिखाई जाएगी। उससे पहले रेलवे सुरक्षा आयुक्त डीसी देशवाल इसी महीने के अंत में 46 किलोमीटर लंबे संगलदान रियासी सेक्शन का दो दिवसीय निरीक्षण करेंगे।

रेल लिंक परियोजना पर दशकों से कार्य चल रहा

बता दें कि 272 किलोमीटर लंबी ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना (Udhampur srinagar baramulla rail link) पर दशकों से कार्य चल रहा है। बनिहाल से श्रीनगर होते हुए बारामुला तक 161 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर पहले से ही ट्रेन दौड़ रही है। दोपहर को लोग उस समय हैरान रह गए जब दूर से उन्हें ट्रेन के इंजन की आवाज सुनाई देने लगी। लोग ऊंची या फिर उन जगहों पर पहुंचने लगे जहां से रेलवे ट्रैक दिखाई देता है। जैसे-जैसे आवाज नजदीक से सुनाई देने लगी तो इंजन भी नजर आने लगा। यह देखकर लोग खुशी जताने के साथ भारत माता के जयघोष लगाने लगे।





रियासी से कई लोग स्टेशन पर पहुंचे

लोग आनन-फानन में मोबाइल फोन से ट्रैक के अगले हिस्से यानी रियासी स्टेशन की तरफ रहने वाले अपने परिचितों को जानकारी देकर पहली बार इंजन आने के बारे में बताने लगे। ऐसे में रियासी से कई लोग स्टेशन पर पहुंच गए। जैसे ही टनल नंबर 36 से होकर इंजन रियासी स्टेशन की तरफ निकला तो उसकी पहली झलक देखते ही स्टेशन पर मौजूद लोग एक-दूसरे को बधाइयां देने लगे।

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