राजस्थान में बिजली हुई सस्ती: अब हर कैटेगरी को मिलेगा राहत का फायदा

राजस्थान के लाखों बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। राज्य विद्युत नियामक आयोग (RERC) ने 2025-26 के लिए नई **टैरिफ दरें और फिक्स्ड चार्ज** तय कर दिए हैं। इसमें आम घरेलू उपभोक्ता से लेकर छोटे, मध्यम उद्योगों और बड़े कनेक्शनों तक सभी को किसी न किसी रूप में फायदा मिलेगा। खास बात यह है कि **150 यूनिट तक बिजली लेने वालों के बिल में सबसे ज्यादा राहत** दी गई है।
घरेलू उपभोक्ता को राहत
* **50 यूनिट तक उपयोग** : कोई बदलाव नहीं। दर **4.75 रु. प्रति यूनिट** पहले जैसी ही रहेगी।
* **150 यूनिट तक** :
* फिक्स्ड चार्ज **250 रु. से घटाकर 150 रु.** कर दिया गया।
* यूनिट दर **6.50 रु. से घटाकर 6 रु. प्रति यूनिट** की गई।
* **300 यूनिट से ज्यादा खपत** : फिक्स्ड चार्ज थोड़ा बढ़ाया गया है, लेकिन यूनिट दरें कम की गई हैं।
👉 यानी मध्यम उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के बिजली बिल में सीधा असर दिखेगा।
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### 🔹 एचटी कनेक्शन (बड़े कंज्यूमर)
* 50 kVA से अधिक कॉन्ट्रैक्ट डिमांड पर
* फिक्स्ड चार्ज **275 रु. से बढ़ाकर 300 रु. प्रति kVA** किया गया।
* यूनिट दर **7.15 रु. से घटाकर 6.50 रु. प्रति यूनिट** तय की गई।
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### 🔹 मीडियम इंडस्ट्री को फायदा
* **एलटी-6 (मीडियम इंडस्ट्री कनेक्शन)**
* फिक्स्ड चार्ज **130 रु./HP से बढ़ाकर 150 रु./HP** किया।
* दर **7 रु. से घटाकर 6.50 रु./यूनिट** की गई।
* **एचटी-3 (मीडियम इंडस्ट्री कनेक्शन)**
* फिक्स्ड चार्ज **255 रु./kVA से बढ़ाकर 275 रु./kVA** किया।
* दर **7 रु. से घटाकर 6.50 रु./यूनिट**।
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### 🔹 बल्क सप्लाई और मिक्सड लोड उपभोक्ता
* **एलटी-7 कनेक्शन**
* फिक्स्ड चार्ज **115 रु./HP से बढ़ाकर 150 रु./HP**।
* दर **8.05 रु. से घटाकर 7.50 रु./यूनिट**।
* **एचटी-4 कनेक्शन**
* फिक्स्ड चार्ज **240 रु./kVA से बढ़ाकर 300 रु./kVA**।
* दर **8.05 रु. से घटाकर 7.50 रु./यूनिट**।
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### ⚡ किसे कितना फायदा?
* छोटे घरेलू उपभोक्ता (50 यूनिट तक) – **बिल पहले जैसा ही रहेगा**।
* मध्यम घरेलू उपभोक्ता (150 यूनिट तक) – **बिजली बिल में 100 रु. की राहत** और दरें भी कम।
* उद्योग – **दरें कम होने से उत्पादन लागत घटेगी**, हालांकि फिक्स्ड चार्ज थोड़ा बढ़ा है।
* बड़े उपभोक्ता – **प्रति यूनिट दरें घटीं**, जिससे लंबे समय में बचत होगी।
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👉 कुल मिलाकर, नई दरों का असर **साधारण उपभोक्ता से लेकर उद्योगों तक** पड़ेगा।
जहां घरेलू उपभोक्ता को सीधी राहत मिलेगी, वहीं उद्योगों के लिए भी बिजली थोड़ी सस्ती हो जाएगी, जिससे उत्पादन पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
