गड़बड़झाला: कुत्ते-कुत्तीयों की हुई फर्जी नसबन्दी, 30 लाख का बिल हुआ पेश

कुत्ते-कुत्तीयों की हुई फर्जी नसबन्दी, 30 लाख का बिल हुआ पेश
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मामले का खुलासा तब रोका गया भुगतान

चित्तौडगढ/भीलवाड़ा। शहर में श्वान नसबन्दी के मामले में गड़बड़झाला सामने आया है, इसके बाद उक्त मामले को लेकर शहर कोतवाली मे रिपोर्ट दर्ज करवायी गई है।

जनवरी 2022 में श्वान (कुत्ते) की नसबन्दी के टेन्डर के पश्चात पत्रावली मे हुई गडबड फर्जी नसबन्दी, फर्जी बिल एवं ठेकेदार को फायदा पहूंचाने हेतु कुट रचित दस्तावेज तैयार कर सामुहिक रूप से अपराधिक षडयंत्र रचने की रिपोर्ट भाजपा पार्षद छोटूसिंह शेखावत एवं रामचन्द्र गुर्जर ने शहर कोतवाली मे दर्ज करवायी है , जिसका परिवाद दर्ज कर जांच रतन सिंह एएसआई को सौंपी गयी है।

ठेकेदार द्वारा 2073 कुत्ते एवं 957 कुत्तीयॉ कुल 3030 कुत्तो की नसबन्दी करवा दी गयी इससे ऐसा लगता है कि चित्तौडगढ के 100 प्रतिशत कुत्ते कुत्तीयों की नसबन्दी कर दी गयी है क्योंकि 19वीं पशुगणना मे 1007 व 20वीं गणना मे 1996 कुत्ते ही सरकारी आंकडो मे बताये गये है आखिर ये 4000-5000 कुत्तों का आंकडा इनके पास कहां से आया।


यदि शहर मे 3000 कुत्ते है तो क्या शत-प्रतिशत कुत्तों को पकड कर शत प्रतिशत नसबन्दी करना सम्भव है ?

वास्तविक रूप से शहर मे 100 कुत्तों की नसबन्दी भी नही की गयी फर्जी दस्तावेज व अनुमानो के आधार पर 3030 कुत्तो की नसबन्दी के फर्जी दस्तावेज तैयार करके 29,99,700 रू. के बिल बना कर भुगतान के लिए पेश किया इस बिल को डॉक्टर सुमेर सिंह व स्वास्थ्य निरीक्षक विश्वजीत गारू, नगर परिषद के अब्दुल वहीद एवं वरिष्ठ लिपिक कपिल जुनेजा ने प्रमाणित किया है। भाजपा पार्षदों एवं पत्रकारो ने मामला उजागर कर दिया जिससे भुगतान रोका गया न ही तो भुगतान भी हो चुका होता।

कोतवाली मे रिपोर्ट देने हेतु भाजपा पार्षद छोटूसिंह शेखावत रामचन्द्र गुर्जर, हरिश ईनाणी, नरेन्द्र पोखरना, शिवशर्मा, अविनाश शर्मा, दीपक शर्मा, रामचन्द्र, नीरज, मनोज आदि पहूंचे।

सभापति संदीप शर्मा, तत्कालिन आयुक्त रिंकल गुप्ता, सन्तुलन जीव कल्याण के नवीस कुमार नेहरा, डॉक्टर सुमेर सिंह, विश्वजीत गारू, अब्दुल वहीद, कपिल जुनेजा आदि को अभियुक्त बनाते हुए राजकोष मे 30 लाख का नुकसान करने की नियत से फर्जी दस्तावेज तैयार कर, पद का दुरूपययोग करने एवं सामुहिक षडयंत्र करने, मिलीभगत कर कुत्तों की फर्जी नसबन्दी रेकार्ड तैयार करने आदि की रिपोर्ट कोतवाली मे दर्ज करवायी गयी है।

सभी अभियुक्तगण ने राजकीश राशि के फर्जी दस्तावेज के आधार पर हडपने की नियत से उक्त सम्पूर्ण फर्जी कार्यवाही बिना किसी बध्याकरण व टीकाकरण के सम्पादित की है जिसकी पुख्ता जांच करवाने एवं दोषियों के विरूद्व आपराधिक मामला दर्ज करने बाबत रिपोर्ट पेश की।

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