ज्यादा जमीन वाले किसानों को अब लाभार्थी नहीं माना जाएगा,सरकारी गेहूं से होंगे अपात्र

भीलवाड़ा । केंद्र सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि और राज्य सरकार की राशन गेहूं वितरण योजना से जुड़े हजारों किसानों पर अब बड़ा असर पड़ने वाला है। जिन किसानों के पास 2.47 हैक्टेयर से अधिक कृषि भूमि है, उन्हें योजनाओं की पात्रता सूची से बाहर किया जाएगा। यानी अधिक जोत वाले किसानों को अब गरीब श्रेणी की जगह आर्थिक रूप से सक्षम माना जाएगा और वे सरकारी गेहूं वितरण एवं संबंधित लाभ से वंचित हो जाएंगे।
अधिक जोत वाले किसानों को अब गरीब श्रेणी की जगह आर्थिक रूप से सक्षम माना
विभाग ने 2016 की भूमि सूची से मिलान शुरू किया
रसद और कृषि विभाग ने वर्ष 2016 की कृषि भूमि रजिस्टर सूची तथा वर्तमान पीएम किसान सम्मान निधि डेटा का मिलान शुरू कर दिया है। इस प्रक्रिया में कई किसानों की जोत पिछले वर्षों में बढ़ी पाई गई है। ऐसे किसान वर्षों से राशन व्यवस्था में गरीब श्रेणी में शामिल होकर सरकारी गेहूं उठा रहे थे, लेकिन अब इन्हें अपात्र माना जाएगा।
प्रदेशभर में छंटनी अंतिम चरण में
अधिकारियों के अनुसार जिन किसानों के नाम राजस्व रिकॉर्ड में 2.47 हैक्टेयर से अधिक भूमि दर्ज है, उन्हें पात्रता सूची से हटाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। राज्य स्तर पर भी निगरानी रखी जा रही है ताकि किसी पात्र किसान को गलती से बाहर न किया जाए।
बड़े किसानों की पहचान
डेटा विश्लेषण में कई जिलों में यह सामने आया है कि बड़ी जोत वाले किसान भी राशन कार्डधारी बने हुए थे और गरीब श्रेणी की योजनाओं का लाभ ले रहे थे। अब इन पात्रता त्रुटियों को सुधारते हुए ऐसे किसानों को सूची से हटाया जा रहा है।
छोटे और सीमांत किसानों पर असर नहीं
विभाग ने साफ किया है कि यह कार्रवाई केवल उन किसानों पर लागू होगी, जिनके पास 2.47 हैक्टेयर से अधिक कृषि भूमि है। छोटे और सीमांत किसानों को नियमित रूप से सरकारी गेहूं, पीएम किसान किस्त और अन्य लाभ मिलते रहेंगे।
सरकारी निर्देशों के अनुसार भूमि सीमा मानक से अधिक जोत वाले किसान अब आर्थिक रूप से सक्षम माने जाएंगे। जमीन बढ़ने के बाद भी गरीब श्रेणी में बने किसानों की पहचान कर उन्हें योजनाओं से अलग करना ही इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य है।
