तिलस्वा में उतरा पानी तो नजर आई बारिश की तबाही:, जीवन अस्त-व्यस्त, नुकसान का आंकलन जारी

X

तिलस्वा (ज्‍योत‍ि पारासर) सोमवार को तिलस्वा में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद, मंगलवार को स्थिति का जायजा लेने और नुकसान का आकलन करने का काम जारी है। सरकारी रिकॉर्ड भी बाढ़ की चपेट में आने से खराब हो गए हैं।

बाढ़ से गरीब परिवारों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। घरों में पानी भरने से उनके भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है। "गरीबी में आटा गीला" वाली कहावत यहाँ चरितार्थ हो रही है।मेडिकल स्टोर, आटा चक्की, किराना की दुकानें, कपड़े की दुकानें और फल-फूल की दुकानें भी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। सहकारी समिति में रखा खाद और गेहूं भी खराब हो गया है।

खुले में टिन शेड लगाने वाले दुकानदारों की कुर्सियां, पलंग, लकड़ी के तख्त, खिलौने, कोल्डड्रिंक आदि कई सामान बह गए, जिनका अभी तक पता नहीं चल पाया है।

उप स्वास्थ्य केंद्र में रहने वाले जीएनएम परिवार को बाढ़ के पानी से बचने के लिए रात में अपने छोटे बच्चों के साथ सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा। पानी उतरने के बाद, परिवार ने देखा कि उनकी टीवी, मोबाइल, कपड़े, बिस्तर, रिकॉर्ड और खाने-पीने का सामान पूरी तरह से बर्बाद हो चुका था।

ग्राम वासियों ने मांग की है कि ऐरू नदी के पेटे में बने पक्के निर्माण और सैंड स्टोन के जोटे हटाए जाएं, साथ ही नदी के बहाव क्षेत्र की सफाई करवाई जाए। सोमवार रात करीब बारह बजे से शाम पांच बजे तक पानी का उतार आया था। करीब अठारह घंटे तक दुकानों और घरों में पानी भरा रहने से घरों में गाद जम गई है, जिससे बदबू आ रही है।

उपखंड अधिकारी अजीत सिंह राठौर, तहसीलदार ललित डीडवानिया और कास्यॉ चौकी प्रभारी नरेश सुखवाल सहित अन्य स्थानीय कार्यकर्ताओं ने रात दो बजे से सक्रिय होकर बाढ़ ग्रस्त लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

Tags

Next Story