पूर्व मंत्री जाट ने बजरी को लेकर एमएलए-एमएलए पर बोला बड़ा हमला, कहा-नीचे की जेब में लें या ऊपर की जेब में ......!

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- 70 फीट तक खोद डाली नद‍ियां

- एसपी कर रहे है काम, बाकी राजनैैैत‍िक दबाव में

- बजरी को कर देनी चा‍ह‍िए लीज मुक्त, रोक पर हो रहा है अधिक खर्च

भीलवाडा। पूर्व राजस्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामलाल जाट ने भाजपा सरकार और विधायकों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बजरी के खेल में ये पूरी तरह से लिप्त है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को बजरी के खिलाफ कार्रवाई के लिए बधाई दी लेकिन कहा कि एमएलए-एमएलए के चक्कर में खनिज और पुलिस महकमें के कारिन्दे कार्रवाई करने से कतराते है। यह बात आज कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए रामलाल जाट ने कही। उन्होंने कहा कि मेरी तो सोच पहले भी यह रही कि बजरी को राज्‍य सरकार द्वारा लीज माफ कर देनी चाहिए । इससे बड़ा रेवेन्यु नहीं मिलता है। इससे ज्‍यादा रेवेन्यु खर्च कर पुलिस महकमें और माइनिंग को अवैध बजरी को रोकने पर खर्च किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि रोक हटा देनी चाहिए जिससे स्थानीय लोगों को बजरी सस्ती मिले। बाहर जाने पर रोक होनी चाहिए। जहां जिसको आवश्यकता है, जहा नदियों से बजरी निकलती है वहां के किसान परेशान होते है। नदियों का वाटर लेवल ऊपर नहीं उठता है, उन्होंने पर्यावरण संबंधी नियमों पर हवाला देते हुए कहा कि एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के अनुसार बजरी दोहन किया जाना चाहिए लेकिन उसके अनुसार होता नहीे है । नदियों को खोखला कर दिया गया है, इतने गहरे खड्डे हो गए है कि एलएनटी तक नजर नहीं आती है।

पूर्व मंत्री जाट ने भीलवाड़ा के पुलिस अधीक्षक को धन्यावाद देते हुए कहा कि उन्होंने बजरी की रोकथाम के लिए जो काम किया है वह सराहनीय है लेकिन उनके नीचे के लोग राजनैतिक नेताओं के दबाव में काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि यहां के एक दो को छोड़ दो, बाकी एमएलए-एमएलए बजरी में लगे हुए है। भयंकर भ्रष्टाचार में इस सरकार के जनप्रतिनिधि डूबे हुए है। बड़े बड़े भाषण देते है लेकिन धार्मिक उन्माद फैलाने के अलावा इनके पास कोई काम नहीं है। कोई गांव में आएगा, कोई जेसीबी पर बैठकर आएगा और कोई कहेगा कि रातों रात सड़क बन गई, एमएलए जिला परिषद की बैठक में बोल रहा था कि मैं सोया हुआ था, मुझे पता ही नहीं। जाट ने कहा कि सड़क क्या एक दिन में बनती है क्या, लेकिन उन्हें फुर्सत ही नहीं है। एमएलए नीचे की जेब में लें या ऊपर की जेब में लें, सभी इसी काम में लगे हुए है उन्हें विकास कार्यों पर कोई लेना देना नहीं है। एक दो को छोड़ दो बाकी सारे के सारे भ्रष्टाचार में भयंकर डूबे हुए और सारे रिकॉर्ड तोड़ चुके है। उन्होंने कहा कि मैंने पहली बार सुना है कि जनप्रतिनिधियों ने बजरी के लिए नाके लगाए हुए है। उन्होंने कहा कि हम यह साबित करेंगे।

गाइड लाईन के वि‍परीत हो रहा है दोहन

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की गाईड लाईन के अनुसार बजरी दोहन करें लेकिन 70-70 फीट तक नदियों में बजरी दोहन किया जा रहा है। दूर से न मशीनें दिखती है न कुछ। केवल भ्रष्टाचार की सरकार है, सरेआम जनप्रतिनिधियों द्वारा लूट हो रही है। इन्हें रोकने में पुलिस अधिकारी लगे हुए है लेकिन उन पर भी राजनैतिक दबाव आता है। इसलिए अवैध बजरी दोहन रूक नहीं पा रहा है।

बजरी का इलाका बांटने में लगे नेता

उन्होंने कहा कि हम विपक्ष में है और आईना दिखाने का काम करते है। उन्होंने बड़ा सवाल करते हुए कहा बिसलपुर में बजरी दोहन किया जा रहा है, इसका मामला विधानसभा में भी उठा है। मशीनें लगाकर पूरी नदियों को खोद रहे है। उन्होंने नेताओं पर आरोप लगाया कि मांडलगढ़ वाला कहेगा मांडलगढ़ में ही रहनी चाहिए, मांडल वाला कहता है कि मांडल में रहेगी, सहाड़ा वाला कहता है कि सहाड़ा में रहेगी । जाट ने कहा कहा कि सरकार को बजरी फ्री कर देनी चाहिए।

फर्जी पट्टों के मामले की जांच के लि‍ए तैयार

जाट ने कहा कि अशोक गहलोत सरकार ने पट्टों का इतना सरलीकरण किया कि छोटे और गरीब लोगों को उनके आवास और दुकानों के पट्टे मिल सके। कैम्प लगाकर लाखों लोगों को पट्टे दिए गये। उन्होंने हाल में बने फर्जी पट्टों को लेकर कहा कि अगर कोई मामला सामने आता है तो हम कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के साथ खड़े है और अगर प्रशासन उनकी सुनवाई नहीं करता है तो हम आगे आयेंगे।

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