वडोदरा में महिसागर नदी पर बना गंभीरा पुल ढहा, 13 की मौत; नदी में गिरी सात गाड़ियां

गुजरात के वडोदरा जिले में महिसागर नदी पर बने पुल का एक हिस्सा ढहने से उस समय वहां से गुजर रहे सात वाहन 100 फीट नीचे नदी में जा गिरे। इस हादसे में दो बच्चों समेत 13 लोगों की मौत हो गई जबकि नौ अन्य लोगों को आसपास मौजूद लोगों ने बचा लिया। एक टैंकर टूटे पुल के किनारे पर ही लटक गया।
आणंद और वडोदरा शहर को जोड़ने वाले इस पुल पर हादसा बुधवार सुबह करीब साढ़े सात बजे हुआ। 900 मीटर लंबे इस पुल का उद्घाटन 1985 में हुआ था। तीन साल पहले प्रशासन द्वारा इसकी जांच कराई गई थी और उस समय रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इसके बावजूद पुल आवागमन के लिए चालू रखा गया था। बताया जाता है कि नौ दिन पहले भी इसका निरीक्षण किया गया था। वह तो गनीमत रही कि नदी में पानी कम था, अन्यथा हादसे में और लोगों की भी जान जा सकती थी।
जानकारी के अनुसार, पुल पर मौजूद 4-5 गाड़ियां नदी में बह गईं। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई और कई लोग बुरी तरह से घायल हैं। पहले मृतकों का आंकड़ा सिर्फ 2 था, लेकिन अब यह बढ़कर 9 हो गया है।
आधा दर्जन से ज्यादा वाहन पुल में ढह गए
पादरा शहर के निकट गंभीरा पुल पर हुए इस हादसे का पता लगते ही स्थानीय लोग वहां पहुंचे और नौ लोगों को नदी से सुरक्षित निकाला। जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। छह लोगों को उपचार के लिए वडोदरा के एसएसीजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मृतकों में एक ही परिवार का एक युवक और चार और दो वर्ष के भाई-बहन भी शामिल हैं। प्रशासन अभी भी राहत-बचाव कार्य चलाए हुए हैं। मृतक संख्या बढ़ सकती है। वडोदरा के कलेक्टर अनिल धामेलिया ने कहा कि कम से कम आधा दर्जन वाहन जिनमें दो ट्रक, दो वैन, एक आटो रिक्शा और एक दोपहिया शामिल हैं, पुल ढहने के कारण नदी में गिर गए।
नया पुल बनाने के लिए 212 करोड़ रुपये किए गए आवंटित
कलेक्टर ने कहा कि दो अन्य वाहन जो नदी में गिरने के करीब थे, उन्हें सुरक्षित स्थान पर खींच लिया गया। वडोदरा (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक रोहन आनंद ने बताया कि पुल का 10 से 15 मीटर लंबा स्लैब सुबह भरभरा कर गिर गया। उधर, राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि राज्य सरकार ने इस नदी पर नया पुल बनाने की त्वरित मंजूरी दे दी है। इसके लिए 212 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है।
वैसे महिसागर नदी पर बने पुल की जर्जर हालत को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ता लंबे समय से सरकार एवं जिला प्रशासन को शिकायत करते आ रहे थे। जिला पंचायत सदस्य हर्षद ¨सह परमार ने मोरबी पुल दुर्घटना के बाद वर्ष 2022 में ही जिला कलक्टर व राज्य के मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर इस ब्रिज के खस्ताहाल होने की बात कही थी।
अगस्त 2022 में रोड एवं बिल्¨डग विभाग ने इसकी जांच कराई तो टे¨स्टग रिपोर्ट निगेटिव थी लेकिन इसके बावजूद तीन वर्ष से यह पुल जर्जरित हालत में चालू रखा गया। इस दौरान इसकी मरम्मत भी नहीं कराई गई।
अगस्त 2022 का एक वीडियो भी प्रसारित हो रहा है, इसमें सामाजिक कार्यकर्ता लखन दरबार सरकारी अधिकारी से पुल की खराब हालत की बात करते सुने जा सकते हैं। इसमें अधिकारी यह स्वीकार करते हैं कि यह पुल लंबा चले, ऐसा लगता नहीं है।
स्थानीय लोगों में यह पुल सुसाइड प्वाइंट के नाम से भी मशहूर हो गया था। स्थानीय लोगों का कहना था कि बड़े वाहन गुजरने से यह पुल थरथराने लगता था। उधर, कार्यकारी अभियंता नयन नायकावाला का दावा है कि पुल जर्जरित नहीं था, पुल कैसा है, यह तय करने का काम हमारा अर्थात इंजीनियरों का है।
दोनों तरफ लगा लंबा जाम
पुल टूट जाने की वजह से वडोदरा और आणंद के बीच संपर्क प्रभावित हुआ है। दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लगी है। पुलिस ने यातायात को डायवर्ट कर दिया है। यह पुल टूटने से लोगों की आवाजाही पर बड़ा असर पड़ेगा। अब लोगों को वडोदरा से आणंद या आणंद से वडोदरा जाने के लिए 40 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ेगा।