गायत्री आत्मदाह प्रकरण: पति व ससुर को सात-सात साल की कठोर कैद

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भीलवाड़ा प्रेमकुमार गढ़वाल। करीब नौ साल पहले गायत्री सांसी के पेट्रोल छिडक़कर आत्मदाह करने के मामले में अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश (महिला उत्पीडऩ प्रकरण) ने मृतका के पति संजय सांसी व ससुर ज्ञानचंद सांसी को सात-सात साल की कठोर कैद से दंडित किया है। न्यायालय ने पति पर 15 और ससुर पर 22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

प्रकरण के अनुसार, 12 दिसंबर 2015 को प्रताप नगर पुलिस ने बीलियाखुर्द निवासी गायत्री पत्नी संजय सांसी की बिना नंबरी एफआईआर दर्ज की। इस रिपोर्अ में गायत्री सांसी ने रिपोर्ट में बताया कि उसका विवाह बीलियाखुर्द के संजय पुत्र ज्ञानमल सांसी के साथ नौ साल पहले हुआ था। उसके दो बेटियां सात साल की अंजली और छह साल की प्रीति उससे छोटा 5 साल का बेटा भैंरू है। वह अपने पति के साथ बीलिया में अलग रह रही है। उसके पति तीन भाई है। बबलू व जस्सीया दोनो शास्त्रीनगर में रहते है।पति फैक्ट्री में काम करता है। गायत्री ने रिपोर्ट में बताया कि पिता से रुपये लाकर देने की उससे मांग की जा रही थी। उसने रूपये लाकर देने से मना कर दिया तब उस पर पेट्रोल डाल दिया व आग लगा दी। इससे वह बुरी तरह जल गई । उसे अस्पताल पहुंचाया।गायत्री ने आरोप लगाया था कि सात-आठ दिन पूर्व भी ससूर ज्ञानचन्द सांसी ने उसके साथ मारपीट की व चाकु से हाथ पर चिरा लगा दिया था। उसका पीहर शास्त्रीनगर भीलवाडा में है। एक बार इन लोगो की मांग पर उसने पिता से दस हजार रूपये लाकर भी इन्हें दिये थे।इस रिपोर्ट पर पुलिस ने दहेज प्रताडऩा, जानलेवा हमला, मारपीट आदि धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस ने तफ्तीश शुरु करते हुये धारा 161 के बयान लिये। अगले दिन इलाज के दौरान 13 दिसंबर 15 को गायत्री की उदयपुर में मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने जांच में पाया कि गायत्री को हरणी महादेव रोड़, ज्योतिनगर निवासी उसके ससुर ज्ञानमल पुत्र किशन सांसी और बीलियाखुर्द निवासी पति संजय पुत्र ज्ञानमल सांसी से दहेज में रूपये की मांग कर शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडि़त किया, जिससे दुखी होकरगायत्री ने अपने उपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। इसके चलते उसकी मौत हो गई। पुलिस ने गायत्री को आत्मदाह के लिए मजबूर करने के आरोप में 29 अप्रैल 2016 को

ससुर ज्ञानमल सांसी और 23 जून 16 को पति संजय सांसी को गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश से जेल भिजवा दिया। पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट पेश की। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक संजू बापना ने 18 गवाहों के बयान करवाये और 37 दस्तावेज पेश कर ज्ञानमल व संजय सांसी पर लगे आरोप सिद्ध करवाये। सुनवाई पूरी होने पर न्यायालय ने दोनों आरोपितों को सात-सात साल की कठोर कैद से दंडित किया। इसके अलावा आरोपित ज्ञानमल पर 22 हजार व संजय पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।

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