फर्जी खेल: राजस्थान में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र से सरकारी नौकरी! SOG की जांच में 24 लोकसेवक निकले फिट

जयपुर |राजस्थान में सरकारी नौकरियों के लिए फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र का उपयोग कर नौकरी हासिल करने का बड़ा खुलासा हुआ है। एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की जांच में 24 ऐसे लोकसेवकों की पहचान हुई है जो शारीरिक रूप से पूर्णतः स्वस्थ हैं, लेकिन उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी हासिल की।
अब तक 100 से ज्यादा शिकायतें
एसओजी को हेल्पलाइन पर 100 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई थीं। डीआईजी परिस देशमुख के नेतृत्व में जांच शुरू की गई। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों की मेडिकल टीम ने पुनः परीक्षण कर फर्जीवाड़े की पुष्टि की।
29 में से 24 निकले अनफिट
अब तक 29 लोगों की रिपोर्ट आई है, जिनमें से:
✔️ 5 लोग सच में दिव्यांग पाए गए
❌ 24 लोग पूरी तरह से फिट निकले, जिन्होंने फर्जी दस्तावेज़ों से नौकरी ली।
ये हैं फर्जी प्रमाण पत्रधारी कर्मचारी:
सहायक प्राध्यापक (भूगोल) महेन्द्रपाल, सहायक प्राध्यापक (अंग्रेजी) सवाई सिंह गुर्जर, अध्यापक (संस्कृत ग्रेड-2) हन्टू गुर्जर, अध्यापक (तृतीय श्रेणी) मनीष कुमार कटारा, स्टेनोग्राफर केशव, कविता, अध्यापक (तृतीय श्रेणी) विकेश कुमार, भानूप्रताप कटारा, कनिष्ठ सहायक नफीस, अध्यापक (तृतीय श्रेणी) रणजीत सिंह, अध्यापक (द्वितीय श्रेणी) कलुआ राम, ग्राम विकास अधिकारी पवन कुमार, अध्यापक (तृतीय श्रेणी) विनोद कंवर, दिनेश कुमार, लोकेश, संजय, एएनएम दीपू, अध्यापक (तृतीय श्रेणी) गेपुराम, सूचना सहायक प्रशांत सिंह, सहायक प्राध्यापक (पंजाबी) छिंदरपाल सिंह, एएनएम आसी कुमावत, संयुक्त निदेशक (पशुपालन विभाग, बूंदी), अध्यापक (तृतीय श्रेणी) जगदीश चौधरी और सहायक प्रशासनिक अधिकारी किशोर सिंह मेडिकल बोर्ड की जांच में अनफिट पाए पाए गए हैं.
66 लोगों की रिपोर्ट अब भी बाकी
फिलहाल 66 और लोकसेवकों की जांच जारी है। पहले चरण में 24 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इस घोटाले में कुछ **डॉक्टर और सरकारी अधिकारी** भी संदेह के घेरे में हैं।
एसओजी का बयान:
सभी दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।"*
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