बड़ा फैसला: बेटिंग ऐप्स पर केंद्र के वज्रपात से भीलवाड़ा के खाईवालों में हड़कंप, 'टाइगर' का शिकंजा कसते ही कई नामचीन भूमिगत!

भीलवाड़ा हलचल । केंद्र सरकार ने ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए के मायाजाल पर अब तक का सबसे बड़ा और निर्णायक प्रहार किया है। मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट ने बहुप्रतीक्षित 'ऑनलाइन गेमिंग बिल' को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके साथ ही देश में सक्रिय सैकड़ों बेटिंग ऐप्स और वेबसाइट्स के ताबूत में आखिरी कील ठोक दी गई है। यह फैसला न केवल डिजिटल दुनिया में चल रहे सट्टे के कारोबार पर सर्जिकल स्ट्राइक है, बल्कि गली-मोहल्लों में बैठकर युवाओं के भविष्य से खेलने वाले खाईवालों के नेटवर्क पर भी एक सीधा हमला है। भीलवाड़ा के बड़े खाईवालों पर टाइगर का शिकंजे के चलते कई नाम्चीन भूमिगत हे जिन्हे पुलिस तलाश रहे हे वे कभी भी पकड़े जा सकते हे .
सरकार का यह कदम उस अंधेरे कुएं पर ताला लगाने जैसा है, जिसमें गिरकर अनगिनत युवा अपनी जमापूंजी, मानसिक शांति और यहां तक कि जान भी गंवा रहे थे। अब किसी भी टीवी चैनल, इंटरनेट साइट या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इन भ्रामक ऐप्स के विज्ञापन नहीं दिखाए जा सकेंगे। बड़े-बड़े सेलिब्रिटी और इन्फ्लुएंसर, जो चंद सिक्कों की खनक पर इन ऐप्स को प्रमोट कर युवाओं को गुमराह कर रहे थे, अब कानून के शिकंजे में होंगे और उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
डिजिटल सट्टेबाजी का डसा, अब कानून का कसा शिकंजा
यह नया बिल सिर्फ विज्ञापनों पर रोक लगाकर ही नहीं रुकता, बल्कि इस अवैध तंत्र की आर्थिक कमर तोड़ने का भी पूरा इंतजाम करता है। सरकार ने बैंकों और तमाम वित्तीय संस्थानों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे इन बेटिंग ऐप्स से जुड़े किसी भी प्रकार के लेन-देन को तुरंत प्रभाव से रोकें। इसका सीधा मतलब है कि अब न तो कोई आसानी से इन ऐप्स पर पैसे जमा कर पाएगा और न ही जीती हुई (या यूं कहें कि हारी हुई) रकम निकाल पाएगा। यह एक ऐसा चक्रव्यूह है, जिससे बच निकलना अब इन सट्टेबाजी के सौदागरों के लिए नामुमकिन होगा।
तिजोरियों को खाली कराने की दिशा में भी बढ़ाये कदम ,भीलवाड़ा में हलचल
सरकार ने यह फैसला समाज पर पड़ रहे इसके घातक प्रभावों को देखते हुए लिया है। मनोरंजन और गेमिंग की आड़ में ये ऐप्स युवाओं को "आसानी से पैसा कमाने" का जो सपना दिखाते थे, उसकी असलियत बेहद भयावह थी। कर्ज का बोझ, मानसिक तनाव और सामाजिक अलगाव के अनगिनत मामले सामने आ रहे थे। कई घरों के चिराग इस सट्टे की लत में पड़कर भीलवाड़ा में नहीं देश भर में बुझ गए छोटू बच्चे अनाथ हो गए और माँ बेटी का सिंदूर उजड़ गया ,। सरकार का यह कदम डिजिटल स्पेस में नैतिकता और पारदर्शिता स्थापित करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगाऔ ऐसे आर्थिक अपराधियों की sर घर बैठे सेफ्ड पॉश लोगो की भर्ती तिजोरियो पर अब टाला लग जाएगा, वैसे सरकार ने भरी तिजोरियों को खाली कराने की दिशा में भी कदम बढ़ाये हे जिसका परिणाम कुछ दिनों में द्खेने को मिल सकता हे भीलवाड़ा के दर्जन भर ीे लोगो की जांचे चल रही हे जिससे उनमे खलबली मची हे .
खाईवालों के 'अच्छे दिन' खत्म!
अब सवाल उठता है कि ऑनलाइन ऐप्स पर इस सर्जिकल स्ट्राइक का गली-नुक्कड़ पर पर्ची और कोडवर्ड में सट्टा खिलाने वाले खाईवालों पर क्या असर पड़ेगा? कई लोग यह मान सकते हैं कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के बंद होने से इन खाईवालों की चांदी हो जाएगी, लेकिन यह तस्वीर का सिर्फ एक पहलू है।
हकीकत यह है कि आज के दौर में ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टे का नेटवर्क एक-दूसरे से गहराई से जुड़ा हुआ है। कई छोटे खाईवाल बड़े ऑनलाइन सिंडिकेट के लिए काम करते हैं, उनसे भाव लेते हैं और जीती-हारी रकम का हिसाब-किताब भी इन्हीं डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और हवाला चैनलों के जरिए होता है। जब सरकार ने मुख्य ऑनलाइन धमनी पर ही ताला लगा दिया है, तो इन छोटी-छोटी शाखाओं तक खून का पहुंचना अपने आप बंद हो जाएगा। भीलवाड़ा के कुछ लोग विदेश और राजधानी से औनलाइन आईडी का बड़ा खेला खेल रहे हे जिनमे पर भी अब लगाम लगाने किटवीआरी और गिरफ्तके प्रयास शुरू हो गए हे जिनसे उनमे खलबली मची हे और वे यहां का रुक नहीं कर पर रहे हे !
अब हवाला नेटवर्क पर भी शिकंजा कसेगा
वित्तीय लेन-देन पर लगी रोक और सख्त निगरानी के चलते अब हवाला नेटवर्क पर भी शिकंजा कसेगा, जो इन खाईवालों की रीढ़ की हड्डी है। सरकार का यह कदम एक स्पष्ट संदेश देता है कि सट्टेबाजी, चाहे वह किसी भी रूप में हो, अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऑनलाइन ऐप्स पर हुआ यह प्रहार उस बड़े ऑपरेशन की शुरुआत है, जिसकी जद में अब देर-सवेर ये खाईवाल भी आएंगे। युवाओं के भविष्य को दीमक की तरह चाट रहे इस अवैध कारोबार के दिन अब लद चुके हैं। सरकार के इस बड़े फैसले ने साफ कर दिया है कि अब न तो डिजिटल सट्टेबाज बचेंगे और न ही उनके जमीनी गुर्गे, यानी खाईवाल। ऐसी दिशा में भीलवाड़ा पुलिस के भी बढ़ रहे हे कदम शायद ,किसी बहु ,बेटी या माँ गुहार ने टाइगर का दिल बदला हो और खाईवालों की ...!
