RSS का बड़ा प्लान,: मंडलों और बस्तियों में हिंदू सम्मेलन,हर गांव, हर घर तक पहुंचेगा संघ

मंडलों और बस्तियों में हिंदू सम्मेलन,हर गांव, हर घर तक पहुंचेगा संघ
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा है कि संघ के शताब्दी वर्ष में हिंदू समाज में धर्म जागरण और बुराइयों को दूर करने समेत अन्य विषयों को लेकर देश में एक लाख से अधिक हिंदू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। ये सम्मेलन मंडल और बस्ती स्तर पर आयोजित होंगे। इसी तरह, खंड और नगर में 11,360 स्थानों पर सामाजिक सद्भाव बैठकें और 924 जिलों में प्रमुख नागरिक गोष्ठियां भी आयोजित की जाएंगी।

राजधानी में विगत तीन दिनों में आयोजित अखिल भारतीय प्रांत प्रचारकों की बैठक की जानकारी देते हुए आंबेकर ने कहा, वर्ष 2000 में भी घर-घर जाने का आयोजन हुआ था। उस समय हम करोड़ों घरों और दो लाख से ज्यादा गांवों में पहुंचे थे। इस बार भी गृह संपर्क में अधिकतम घरों, शहरों-बस्तियों में पहुंचा जाएगा। शताब्दी वर्ष का मुख्य उद्देश्य समाज के सभी स्थानों तक, लोगों और विचारों तक पहुंचना है। हर स्तर पर हर कोई इस प्रयास में लगा है कि देश आगे बढ़े, लेकिन यह पर्याप्त नहीं होगा, जरूरी है कि देश अपने विशेष गुण, अपने मूल्यों के साथ आगे बढ़े।

उन्होंने कहा कि लोगों की जरूरत कैसे पूरी हो, साथ ही हर परिवार में जीवन मूल्य हो और सद्भाव बना रहे। समाज सोचेगा और सहभागी होगा तो आर्थिक प्रगति एकतरफा नहीं होगी, बल्कि समावेशी होगी। आंबेकर ने कहा कि देश की सारी भाषा राष्ट्रीय भाषा हैं। हमें अपनी अपनी भाषा में बात करनी चाहिए। मतांतरण पर उन्होंने कहा कि किसी को लालच देकर या किसी अन्य प्रकार का प्रलोभन देकर मतांतरण कराना गलत है। जब भी समाज में उसकी संस्कृति पर संकट आता है तो उसपर चर्चा होती ही है।





संघ के विस्तार पर आंबेकर ने कहा कि संघ बढ़ रहा है, जहां पहले एक वर्ग होता था, वहां अब दो वर्ग हैं। असम में पहले मणिपुर, त्रिपुरा जैसे राज्य से लोग आते थे, अब हर राज्य का अपना वर्ग है। मणिपुर में शांति आने लगी है। दोनों तरफ से संवाद हो रहा है, धीरे-धीरे रास्ते निकलेंगे। नक्सल क्षेत्रों में जो हिंसात्मक षड्यंत्र चल रहा है, उसे रोका जाना चाहिए। देश में लोकतंत्र है और उसी के तरीके से बात होनी चाहिए। सरकार वहां के लोगों की चिंता कर रही है, यह अच्छी बात है।

आंबेकर ने बताया कि बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष की योजना और कार्य विस्तार के साथ प्रांतों की परिस्थिति और जानकारी का आदान-प्रदान हुआ। प्रांत प्रचारक मार्गदर्शन लेकर अपने-अपने प्रांतों में गए। बैठक में मणिपुर में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी सामने आई कि किस तरह वहां सद्भाव स्थापित करने को लेकर प्रयास किया जा रहा है। उनके अनुभव से सकारात्मक बातें सामने आई हैं। इस दौरान कठिनाइयों का भी जिक्र हुआ, जहां विस्तार नहीं हुआ है, वहां कई कठिनाइयां हैं, लेकिन लोगों में उत्साह बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि देश के कार्यों में किस तरह से सहभागी बन सकते हैं और प्रगति में योगदान दे सकते हैं, इस पर भी चर्चा हुई। बैठक में कुल 100 शिक्षा वर्ग लगे थे। 40 वर्ष से नीचे के 75 वर्ग लगे, जिसमें 17, 690 स्वयंसेवकों ने 40 भाग लिया। नागपुर कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय को मिलकर 8812 स्थानों से शिक्षार्थियों ने भाग लिया। 40 की उम्र से ऊपर के 25 शिक्षा वर्ग में 4,270 शिक्षार्थियों ने भाग लिया।

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