शीतलहर में कैसे रखें सेहत दुरुस्त, आयुर्वेदिक खानपान से ठंड और बीमारियों से बचाव

शीतलहर में कैसे रखें सेहत दुरुस्त, आयुर्वेदिक खानपान से ठंड और बीमारियों से बचाव
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इन दिनों कड़ाके की ठंड और शीतलहर का असर साफ दिखाई दे रहा है। तापमान गिरने के साथ ही बड़ी संख्या में लोग सर्दी-खांसी, वायरल बुखार और पेट से जुड़ी समस्याओं की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में आयुर्वेद के अनुसार खानपान अपनाकर न सिर्फ ठंड के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत की जा सकती है।

आयुर्वेद में पूस और माघ यानी हेमंत और शिशिर ऋतु के लिए विशेष आहार-विहार बताया गया है। इस मौसम में पाचन अग्नि तेज रहती है, इसलिए शरीर को गर्म रखने वाला और ऊर्जा देने वाला भोजन लाभकारी माना गया है। गुनगुना पानी पीना, गर्म और ताजा भोजन करना तथा सीमित मात्रा में घी या गरिष्ठ भोजन लेना शरीर को ठंड से बचाने में मदद करता है। खाली पेट रहने से ठंड का असर अधिक होता है, इसलिए नियमित और संतुलित भोजन जरूरी है। चूंकि यह समय वायु विकार का भी होता है, इसलिए रात का भोजन हल्का रखने की सलाह दी जाती है।

सुबह की शुरुआत कैसे करें

ठंड के मौसम में सुबह उठते ही अदरक या एक चुटकी सोंठ मिला गुनगुना पानी पीना फायदेमंद रहता है। इससे शरीर अंदर से गर्म रहता है और जकड़न कम होती है। इसके बाद अदरक और तुलसी की चाय ली जा सकती है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए।

नाश्ते में क्या लें

सुबह के नाश्ते में दलिया, ओट्स, मूंग दाल का चीला, पराठा सब्जी, उबले अंडे या अंकुरित दालें ली जा सकती हैं। ठंडी चीजों, फ्रिज में रखे खाद्य पदार्थों और नमकीन या बिस्कुट जैसे जंक फूड से बचना चाहिए। नाश्ते के बाद छह से सात भीगे हुए बादाम, दो से तीन अखरोट के टुकड़े और थोड़ा सा गुड़ लेना शरीर को ऊर्जा देता है।

दोपहर में गर्म और संतुलित भोजन

दोपहर के समय हमेशा गर्म भोजन करना चाहिए। इसमें घी लगी रोटी, चावल, मूंग या मसूर की दाल, गाजर, पालक, मेथी और लौकी जैसी मौसमी सब्जियां शामिल करें। कमरे के तापमान पर रखी थोड़ी सी छाछ या बथुआ का रायता भी लिया जा सकता है। भोजन बनाते समय जीरा, हल्दी, धनिया और अदरक जैसे मसालों का प्रयोग पाचन को मजबूत करता है।

शाम का हल्का नाश्ता

शाम के समय भुनी या उबली शकरकंद, मखाने, भूने चने या मूंगफली लाभकारी रहते हैं। इसके साथ अदरक, दालचीनी और तुलसी से बनी हर्बल चाय ली जा सकती है, जो ठंड से राहत देती है।

रात का भोजन रखें हल्का

रात का खाना हल्का और सुपाच्य होना चाहिए। मौसमी सब्जी के साथ रोटी, घी के साथ खिचड़ी या दाल सब्जी का सूप सोने से दो से तीन घंटे पहले लेना बेहतर रहता है। सोने से पहले एक गिलास गुनगुना दूध लें, जिसमें हल्दी, केसर या थोड़ी सी जायफल मिलाई जा सकती है। यह शरीर को गर्म रखने के साथ अच्छी नींद में भी मदद करता है।

आयुर्वेदिक खानपान अपनाकर शीतलहर के मौसम में खुद को स्वस्थ रखा जा सकता है और ठंड से होने वाली बीमारियों से काफी हद तक बचाव संभव है।

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