चेक अनादरण मामले में आरोपित को एक साल की सजा, 5.64 लाख की देनी होगी क्षतिपूर्ति राशि

भीलवाड़ा बीएचएन। विशिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट एनआई एक्ट प्रकरण (3) ने राधेश्याम व्यास के परिवाद पर फैसला सुनाते हुये एनआईएक्ट के मामले में शांतिलाल भील को एक वर्ष के साधारण कारावास से दंडित किया है। न्यायालय ने आरोपित को आदेश दिये कि वह बतौर क्षतिपूर्ति 5 लाख 64 हजार 440 रुपये परिवादी को अदा करे।
प्रकरण के अनुसार, ब्राह्मणों की सरेरी निवासी राधेश्याम पुत्र हजारीलाल व्यास ने अपने ही गांव के शांतिलाल पुत्र मगनीराम भील के खिलाफ 138 एनआई एक्ट के तहत नौ फरवरी 2022 को परिवाद न्यायालय में पेश किया। इस परिवाद में बताया गया कि आरोपित को व्यवसायिक प्रयोजनार्थ रकम की आवश्यकता होने से उसने परिवादी व्यास से चार लाख रुपये दो रुपये प्रति सैकड़ा प्रति माह की ब्याज दर पर उधार लिये। जिसकी अदायगी पेटे एक चेक भारतीय स्टेट बैंक शाखा अग्री देवी, राजसमंद के हस्ताक्षर कर जारी किया।आरोपित ने यह राशि परिवादी को अदा नहीं की। कई बार तकाजा करने पर भी आरोपित ने ध्यान नहीं दिया। परिवादी ने आरोपित के द्वारा दिया गया चैक बैंक में लगाया जो अनादरित हो गया। इस परिवाद पर न्यायालय ने सुनवाई करते हुये आरोपित शांतिलाल को एक वर्ष के साधारण कारावास से दंडित करते हुये आरोपित को आदेश दिया कि वह बतौर क्षतिपूर्ति 5 लाख 64 हजार 440 रुपये परिवादी को अदा करे।
