हनुमानगढ़ एथेनॉल फैक्ट्री विवाद: पहली दौर की वार्ता बेनतीजा, किसानों ने फैक्टरी रोकने और मुकदमे वापस लेने की रखी मांग

हनुमानगढ़ एथेनॉल फैक्ट्री विवाद: पहली दौर की वार्ता बेनतीजा, किसानों ने फैक्टरी रोकने और मुकदमे वापस लेने की रखी मांग
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हनुमानगढ़ jile के राठीखेड़ा गांव में अनाज आधारित एथेनॉल फैक्टरी को लेकर जारी तनाव और हिंसा के बीच गुरुवार को जिला प्रशासन और किसान प्रतिनिधियों के बीच पहले दौर की वार्ता हुई, लेकिन बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। किसान संघर्ष समिति ने अपनी मांगें प्रशासन के सामने रखीं, जबकि जिला प्रशासन ने जवाब देने के लिए कुछ समय मांगा।

बैठक में समिति के मान सिंह, प्यारा सिंह, जगजीत जग्गी, मनीष बुरड़क, मदन दुगेसर, अमर सिंह बेनीवाल समेत कई प्रतिनिधि शामिल हुए। किसानों की ओर से फैक्टरी का निर्माण रोकने, किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने, आम लोगों की गिरफ्तारी रोकने और बुधवार को हुई हिंसा की निष्पक्ष जांच कराने की मांगें रखी गईं। समिति में शामिल कांग्रेस नेत्री शबनम गोदारा ने बताया कि इन सभी बिंदुओं का उल्लेख मांग पत्र में किया गया है। जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल सिंह ने मांग पत्र लेकर कुछ समय में विस्तृत जवाब देने का भरोसा दियाएथेनॉल प्लांट लगाने वाली ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चंडीगढ़ में रजिस्टर्ड है। कंपनी 40 मेगावाट क्षमता का अनाज-आधारित एथेनॉल प्लांट लगाने की योजना पर काम कर रही है। यह परियोजना केंद्र सरकार के एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल कार्यक्रम से जुड़ी बताई जा रही है, लेकिन 2022 में दिया गया पर्यावरण मंजूरी का आवेदन अभी तक लंबित है।

करीब 450 करोड़ रुपये की लागत से चक 4 आरके के पास बन रही इस फैक्टरी को लेकर ग्रामीण लम्बे समय से विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों को आशंका है कि प्लांट से प्रदूषण बढ़ेगा और इलाके की खेती और पानी पर असर पड़ेगा। बिना पर्यावरण मंजूरी के निर्माण कार्य जारी रहने से आक्रोश बढ़ता गया और हालात तनावपूर्ण होते गए।पिछले दस महीनों में आंदोलन कई बार उग्र हुआ—बाउंड्री वॉल निर्माण, टेंट हटाने की कार्रवाई, किसान नेताओं की गिरफ्तारी और पुलिस बल की तैनाती के बाद हालात लगातार बिगड़ते गए। 10 दिसंबर को किसानों ने महापंचायत के बाद फैक्टरी की बाउंड्री वॉल तोड़ी, 16 वाहनों को आग के हवाले किया और पुलिस से झड़प हुई। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज किया।वर्तमान में इलाके में तनाव बरकरार है। अगले दौर की वार्ता से ही तय होगा कि विवाद का समाधान किस दिशा में आगे बढ़ेगा।

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