टेक्सटाइल, टूरिज्म और टैक्नालॉजी में बड़ी भूमिका रहेगी भारत की - मोदी

टेक्सटाइल, टूरिज्म और टैक्नालॉजी में बड़ी भूमिका रहेगी भारत की - मोदी
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भोपाल, ) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत के विकसित भविष्य में तीन क्षेत्रों टेक्सटाइल, टूरिज्म और टैक्नालॉजी की बड़ी भूमिका रहेगी और इनके माध्यम से रोजगार के करोड़ों अवसर सामने आएंगे। इसके साथ ही उन्होंने निवेशकों से आह्वान करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में भी निवेश का यह सही समय है।

श्री मोदी यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय परिसर में दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस) के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, देश के प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी समेत देश-विदेश के कई ख्यातिप्राप्त उद्योगपति और राजनयिक उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि देश के विकसित भविष्य में तीन क्षेत्रों 'टेक्सटाइल, टूरिज्म और टेक्नोलॉजी' की बहुत बड़ी भूमिका रहने वाली है। ये क्षेत्र करोड़ों लोगों को रोजगार देने वाले हैं। भारत कॉटन, सिल्क, पालिएस्टर और विस्कोस का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। टेक्स्टाइल सेक्टर ही करोड़ों को रोजगार देता है। मध्यप्रदेश तो एक प्रकार से भारत की 'कॉटन कैपिटल' है। भारत की करीब 25 फीसदी ऑर्गेनिक कॉटन आपूर्ति मध्यप्रदेश से ही होती है।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश मलबरी सिल्क का भी देश का सबसे बड़ा निर्माता है। यहां का चंदेरी और महेश्वर विश्वप्रसिद्ध हैं। इनमें निवेश निवेशकों को वैश्विक पहचान देगा। सरकार मेडिकल टेक्सटाइल और जियो टेक्सटाइल को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए राष्ट्रीय मिशन शुरु किया है। सात बड़े टेक्सटाइल पार्क में से एक मध्यप्रदेश में बन रहा है

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश-विदेश से आए निवेशकों के सामने मध्यप्रदेश की तमाम खूबियों को ना केवल विस्तार से रखा, बल्कि इस बात पर भी बल दिया कि राज्य में निवेश का सही समय यही है। श्री मोदी ने मध्यप्रदेश की पिछले दो दशक की विकास यात्रा को सबके सामने रखा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश कृषि और खनिज के मामले में देश के अव्वल राज्यों में है। मध्यप्रदेश को जीवनदायिनी मां नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त है। यहां विकास की हर संभावना है। बीते दो दशकों में मध्यप्रदेश ने संक्रमण का नया दौर देखा है, एक समय यहां पानी-बिजली के साथ ही कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब थी। ऐसे में यहां उद्योगों का विकास बहुत म

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