छोटी प्रक्रियागत गलतियों पर जेल खत्म, राजस्थान जन विश्वास अध्यादेश लागू

छोटी प्रक्रियागत गलतियों पर जेल खत्म, राजस्थान जन विश्वास अध्यादेश लागू
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जयपुर। राज्य सरकार ने शुक्रवार देर रात राजस्थान जन विश्वास उपबंधों का संशोधन अध्यादेश 2025 की अधिसूचना जारी कर दी है। इस अध्यादेश के तहत राज्य के 11 प्रमुख कानूनों में बदलाव करते हुए छोटी, तकनीकी और प्रक्रियागत त्रुटियों पर कारावास के प्रावधान समाप्त कर दिए गए हैं।

सरकार के फैसले के बाद अब ऐसे मामलों में जेल की सजा की जगह आर्थिक दंड यानी पेनल्टी का प्रावधान लागू होगा। सरकार का मानना है कि इस कदम से आम लोगों और उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी और राज्य में ईज ऑफ लिविंग तथा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को मजबूती मिलेगी।सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि संशोधित प्रावधानों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, ताकि प्रशासनिक तंत्र बदलाव को सहज रूप से अपना सके और किसी तरह की अव्यवस्था न हो। इस संशोधन का एक प्रमुख उद्देश्य न्यायालयों पर बढ़ते मुकदमों के बोझ को कम करना भी है। छोटी और मामूली त्रुटियों को लेकर दर्ज होने वाले आपराधिक मामलों की वजह से अदालतों में लंबित प्रकरणों की संख्या लगातार बढ़ रही थी।उदाहरण के तौर पर पहले राजस्थान वन अधिनियम के तहत वन भूमि में मवेशी चराने पर छह महीने तक का कारावास या 500 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान था। अब इस तरह के मामलों में जेल की सजा हटाकर केवल आर्थिक दंड लगाया जाएगा।

इसी तरह राजस्थान राज्य सहायता उद्योग अधिनियम के अंतर्गत उद्योगों द्वारा आवश्यक दस्तावेज समय पर प्रस्तुत नहीं करने पर कारावास का प्रावधान था। संशोधन के बाद अब ऐसे मामलों में भी जेल की जगह जुर्माना लगाया जाएगा।सरकार का कहना है कि यह अध्यादेश अनावश्यक आपराधिककरण को खत्म करने की दिशा में अहम कदम है, जिससे कानून व्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा और नागरिकों को बेवजह कानूनी परेशानियों से राहत मिलेगी।

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