पंचायत का बड़ा खेल: पुश्तैनी मकान के नाम करोड़ों रुपए की जमीन की बंदर बाटे , पट्टे काटे पर आज तक चार दिवारी भी नहीं
भीलवाड़ा (हलचल)भीलवाड़ा नगर निगम में पंचायत की भूमि को शामिल किए जाने के बाद जिस तरह से जमीनों की बंदर बांट हुई है वह किसी से छिपी हुई नहीं है लेकिन प्रशासनिक अमला भी इस मामले में मुख दर्शक बना हुआ है जहां 50 साल पहले मकान होने का हवाला देकर पट्टे दिए गए वहां आज भी चार दिवारी तक नहीं है और तो और एक ही समाज के लोगों को करोड़ों रुपए की जमीन की बंदर बांट कर दी गई सोमवार को वहां सीमेंट के पटिए लगाकर कब्जा दिखाने का प्रयास किया जा रहा था। वहां कुछ पुलिसकर्मी भी नजर आए हैं।
ग्रामीणों ने आज शाम भीलवाड़ा हलचल को एक ही परिवार और समाज के लोगों के नाम से सुवाना पंचायत समिति की ग्राम पंचायत आटूण द्वारा पिछले वर्ष जारी करना बताया गया जबकि ग्रामीणों का आरोप है कि यह पट्टे हाल ही में जारी किए गए हैं इन पट्टों को लेकर आम सूचना तक जारी नहीं की गई।इन पट्टों की कॉपियां भेज कर बताया कि सोमवार को वहां पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में कब्जे का प्रयास किया जा रहा था जेसीबी चलाई गई लेकिन खास बात यह है कि पंचायत द्वारा जिस आधार पर पट्टे दिए गए वह कहीं भी आधिकारिक तौर पर मायने नहीं रखते लोगों का आरोप है कि पंचायत ने 50 साल के पुश्तैनी मकान होने के आधार पर भीलवाड़ा चित्तौड़गढ़ बाईपास पर हजारी खेड़ा की जिस आराजी में करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन के पट्टे काट दिए गए वहां आज भी कोई मकान नहीं है कुछ ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो उन्हें डराया धमकाया भी गया।
चार दिन पहले ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को इस बारे में शिकायत की थी तब ग्रामीणों के पास पट्टे की नकल नहीं थी लेकिन आज पंजीकरण विभाग से पट्टों की नकल निकलवा कर उन्होंने आरोपो को सिद्ध करने का प्रयास किया है।
हजारी खेड़ा क्षेत्र में जहां बरसों पुराने पुश्तैनी मकान होने के नाम पर पट्टे बनाए गए हैं वहां सोमवार शाम तक गूगल मैप पर भी कोई मकान नजर नहीं आ रहा है जबकि आज वहां पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में चारदीवारी बनाए जाने के प्रयास जरूर किये जा रहे थे। इन प्रयासों को जब ग्रामीण ने मोबाइल में कैद करना चाहा तो उन्हें डराया धमकाया भी गया।