भजनलाल सरकार की कैबिनेट बैठक में बड़े फैसले, वाहन स्क्रैपिंग नीति मंजूर, रिफाइनरी लागत बढ़ी

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में मंगलवार शाम हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम नीतिगत निर्णय लिए गए। बैठक में राजस्थान वाहन स्क्रैपिंग नीति को मंजूरी दी गई, जिसकी घोषणा सरकार ने बजट में की थी। इस नीति के तहत 15 साल से अधिक पुराने सरकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले और कबाड़ियों के पास पड़े पुराने वाहनों को भी स्क्रैप करने का प्रावधान किया गया है।डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि वाहन स्क्रैपिंग के बदले वाहन मालिक को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। इस सर्टिफिकेट के आधार पर नए वाहन के पंजीयन पर 50 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी, जिसकी अधिकतम सीमा एक लाख रुपये होगी। इससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। स्क्रैपिंग यूनिट लगाने वाली कंपनियों को भी विशेष छूट दी जाएगी, ताकि राज्य में अधिक से अधिक यूनिट स्थापित हो सकें।
कैबिनेट बैठक में राजस्थान एआई एमएल पॉलिसी को भी मंजूरी दी गई। इस नीति का उद्देश्य प्रदेश में ई गवर्नेंस को मजबूत करना और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी बनाना है। सरकार का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के उपयोग से सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य सरकारी सेवाओं की निगरानी बेहतर होगी।
बैठक में बाड़मेर रिफाइनरी की बढ़ी हुई लागत को भी कैबिनेट की स्वीकृति मिली। विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि रिफाइनरी परियोजना की कुल लागत अब बढ़कर करीब 80 हजार करोड़ रुपये हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी में रिफाइनरी के पहले चरण का शुभारंभ करेंगे, जबकि कमर्शियल प्रोडक्शन जुलाई 2026 से शुरू होने की संभावना है।जोगाराम पटेल ने बताया कि वर्ष 2017 में सरकार और एचपीसीएल के बीच हुए एमओयू के समय रिफाइनरी की अनुमानित लागत 43 हजार 129 करोड़ रुपये थी और कार्य अक्टूबर 2022 तक पूरा होना था। पिछली सरकार के दौरान जून 2023 में लागत बढ़कर 72 हजार 937 करोड़ रुपये हो गई थी। इसके बाद जुलाई 2025 में कंपनी ने लागत में दूसरे संशोधन का प्रस्ताव दिया, जिसका मूल्यांकन मेकॉन लिमिटेड और राज्य सरकार की समिति ने किया। अब संशोधित लागत को राज्यहित में मंजूरी दी गई है।
कैबिनेट ने विशेष पुलिस सेवा एसओजी और एटीएस में कार्यरत पुलिसकर्मियों को भी बड़ी राहत दी है। अब इन एजेंसियों में तैनात कार्मिकों को मूल वेतन का 25 प्रतिशत अतिरिक्त मिलेगा। पहले यह भत्ता 15 प्रतिशत था। सरकार का मानना है कि इससे इन संवेदनशील इकाइयों में कार्यरत पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ेगा।इसके अलावा विधानसभा में मार्शल, अतिरिक्त मार्शल और उप मार्शल के पदों को लेकर भी अहम फैसला लिया गया। अब इन पदों पर केवल राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारी ही नहीं, बल्कि सैन्य और अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारियों की भी प्रतिनियुक्ति, स्थानांतरण या विशेष चयन के माध्यम से नियुक्ति की जा सकेगी। इसके लिए राजस्थान विधानसभा सचिवालय भर्ती एवं सेवा शर्त नियम 1992 में संशोधन को मंजूरी दी गई है।कैबिनेट बैठक में लिए गए इन फैसलों को सरकार ने प्रदेश के विकास, पर्यावरण संरक्षण और प्रशासनिक सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है।
