डेढ़ करोड़ की चोरी: बेगू की गैंग के 3 सदस्यों के साथ मांडलगढ़ का सुनार गिरफ्तार, पहाड़ी जंगलों में बना रखा था ठिकाना

भीलवाड़ा / चित्तौड़गढ़. जिले की बेगू क्षेत्र की एक शातिर गैंग का पर्दाफाश करते हुए मुख्य सरगना सहित चार आरोपियों को बाड़मेर पुलिस ने ऑपरेशन खुलासा के तहत गिरफ्तार करके वहा के एक व्यापारी के घर डेढ़ करोड़ की चोरी का खुलासा किया हे । इनमे चोरी का माल खरीदने वाले सुनार माण्डलगढ़ निवासी बसन्त कुमार सोनी की भी गिरफ्तारी हुई हे
सोमवार को बाड़मेर पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 23 अगस्त 2024 में धोरीमना थाना इलाके के सोबला जेतमल में एक व्यापारी के घर करीब डेढ़ करोड़ रुपये की हुई चोरी की वारदात के बाद पुलिस द्वारा गठित टीम जांच पड़ताल करते हुए चित्तौड़गढ़ के बेगू थाना इलाके में पहुंची। यहां शातिर बदमाश जंगलों और पहाड़ियों में छिपे हुए थे ऐसे में आरोपियों तक पहुंचने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी पुलिस ने यहां अस्थाई एक कंट्रोल रूम भी स्थापित करके आरोपियों पर नजर रखते हुए दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार करने की सफलता प्राप्त की।
एसपी नरेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि पुलिस ने गैंग के सरगना सनिया उर्फ समीर कंजर पुत्र प्रहलाद कंजर (30) निवासी मेघनिवास थाना बैंगू, साथी अनिल कंजर पुत्र सीताराम (20) निवासी बिजयपूर जिला चितौड़गढ़, रमेश चन्द्र गंवार पुत्र प्रतापलाल बंजारा (28) निवासी सुवानिया काटुन्डा थाना बैंगू जिला चितौड़गढ़ एवं चोरी का माल खरीदने वाले सुनार बसन्त कुमार पुत्र बंशीलाल सोनी (54) निवासी माण्डलगढ़ जिला भीलवाड़ा को गिरफ्तार किया है। गैंग की सरगना सनिया उर्फ समीर कंजर के विरुद्ध चोरी, नकबजनी के 31, अनिल कंजर के विरुद्ध लूट व चोरी के 09 एवं बसंत कुमार के विरुद्ध एससी एसटी का एक मुकदमा दर्ज है।
शोभाला जेतमाल निवासी व्यापारी मोहन लाल माहेश्वरी के घर 28 अगस्त 2024 की रात नकबजनी की वारदात हुई थी। अज्ञात चोर घर के पीछे की खिड़की तोड़ कर कुल 113 तोला सोने के गहने, 4.800 किलो चांदी के जेवरात तथा 3 लाख रूपये नकद चुरा कर ले गये। जिस पर थाना धोरीमन्ना मे प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया। घटना की सूचना पर जिले के आला पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंच बारीकी से घटनास्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य जुटाए। मौके पर डीएसटी, एमओबी, डॉग स्क्वाड व एफएसएल टीमो को भेजा जाकर साक्ष्य संकलन किया गया।
एसपी मीणा ने नकबजनी की वारदात को गम्भीरता से लेते हुए वारदात का खुलासा कर अपराधियों को दस्तयाब करने स्वयं के पर्यवेक्षण एवं एएसपी जसाराम बोस व सीओ गुड़ामालानी सुखराम विश्नोई के नेतृत्व में एसएचओ धोरीमन्ना बगडूराम, डीएसटी प्रभारी सुमेर सिंह इन्दा व डीसीआरबी की विशेष टीमों का गठन कर वारदात को ट्रेस आउट करने के निर्देश दिये गये थे।
स्थानीय चोर, नकबजनो से गहन पूछताछ व अनुसंधान :-
विशेष टीमों द्वारा गहनता से वारदात के प्रत्येक पहलू पर अनुसंधान करते हुए जिले के आदतन चोर, नकबजनों से गहनता से पूछताछ, वारदात के दिन उनकी उपस्थिति के सम्बन्ध में जानकारी करने पर उक्त वारदात किसी स्थानीय नकबजन द्वारा नही करके किसी बाहरी शातिर नकबजन गैंग द्वारा अंजाम देना ज्ञात हुआ।
इसके बाद पुलिस टीमों द्वारा अन्य जिलों से सम्पर्क कर नकबजनी की बड़ी वारदातों में लिप्त गैंग के सम्बन्ध में जानकारी की गई। घटनास्थल पर आने-जाने वाले सभी सम्भावित रास्तों का एक रूटमेप तैयार कर उस परिधि के सभी सीसीटीवी फूटेज खंगालना प्रारम्भ किया तथा इसके समानान्तर तकनीकी टीम द्वारा साक्ष्य संकलन करना प्रारम्भ किया गया। जिले के मुख्य राजमार्गो पर लगे टोल नाकों से उक्त वारदात के दिन आने जाने वाले संदिग्ध वाहनों की डिटेल चैक कर अनुसंधान का फोकस राजस्थान व मध्यप्रदेश में सक्रिय नकबजन गैंगों पर किया जाकर आसूचना व तकनीकी सहायता से अपराधियों के सम्बन्घ में जानकारी शुरू की गई।
अनुसंधान से प्राप्त जानकारी व आसूचना के आधार पर अज्ञात बदमाशों की तलाश के लिए टीम को उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाडा की तरफ भेजा गया। चितोडगढ जिले के गांव बस्सी, काटूंन्दा मोड, मेघनिवास, बिजोलिया, मण्डावरी, बिजयपुर तथा जिला भीलवाड़ा के गांव लाडपुरा, माण्डलगढ मे जगह बजगह पर गुप्त आसुचना संकलन कर विशेष मुखबीर नियुक्त किये गये।
पुलिस टीमों द्वारा लगातार मुखबीरो से सम्पर्क रखा जा रहा था। इसी दौरान जानकारी मिली कि सनिया उर्फ समीर कंजर ने अपनी गैंग के सदस्य, रमेश बंजारा, अनिल कंजर व 3-4 अन्य एक ट्रक लेकर लाडपुरा मांडलगढ होते हुये निकले थे, जिन्होने 23 व 24 अगस्त की मध्यरात शोभाला जैतमाल चोरी की वारदात की है। चुराये गये जेवरात लाडपुरा जिला भीलवाड़ा मे एक सुनार को बेचा था।
इस सूचना पर गैंग के सदस्यों की दस्तयाबी के लिए थाना धोरीमन्ना के एएसआई रावताराम के नेतृत्व मे थाना धोरीमना की टीम व डीएसटी के हेड कांस्टेबल प्रेमाराम की टीम के साथ बेगू पहुंची। डीसीआरबी टीम के तकनिकी सहयोग से गैंग के सदस्यो के सम्बन्ध मे अनुसंधान शुरू किया गया। पुलिस व डीएसटी टीम द्वारा कई दिनों तक सादा वस्त्रों व स्थानीय पहनावे में आस-पास के गांवों में टैक्टर टोली, टैम्पो, मोटरसाईकिल, एम्बुलेंस व डीजे में घूम कर वहां के जंगल व पहाड़ियों के भौगोलिक स्थिति की जानकारी तथा सनिया उर्फ समीर कंजर गैंग के बारे में आसूचना संकलन करना प्रारम्भ किया गया।
जिसमें सामने आया कि आरोपियों के रहने के ठिकानें (डेरे) पहाड़ की तलहटी पर है, जो मारवाड की तरफ 6 चक्का खाली ट्रक में सवार होकर अपने मोबाईल फोन को गैंग के मुख्य सरगना के घर पर रख नकबजनी की वारदातों अंजाम देते हैं। घटना के बाद सभी घरों में नही रहकर पहाड़ों पर रहते हैं, ट्रक को अपने गांव से 30-40 किमी दूर हाईवे की होटलों पर खड़ी कर देते हैं। पुलिस पार्टी द्वारा दबिश देने पर अरावली के घने जंगलों में भाग जाते हैं जहां हिंसक जानवर व घना जंगल होने की वजह से लम्बी दूरी तक पुलिस द्वारा पीछा करना सम्भव नहीं होता है।
कॉर्डन एण्ड सर्च ऑपरेशन :-
भौगोलिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अपराधियों को दस्तयाब करने के लिए एसएचओ बेंगू शिव कुमार मीणा की टीम को साथ लेकर थाना धोरीमन्ना व डीएसटी ने पहाड़ से 5 किलोमीटर दूर कन्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेन्टर बनाया। पांच रातों तक तकनीकी सहायता से पहाडी पर स्थित इनके ठिकानों की जानकारी की। रात में कॉर्डन एण्ड सर्च ऑपरेशन चलाकर करीब 03 बजे अपराधियों पर एक साथ धावा बोल पुलिस टीम द्वारा सूझबुझ से मुख्य सरगना सनीया उर्फ समीर व साथी अनिल कंजर को दस्तयाब कर लिया। साथी रमेशचन्द को पुलिस की हलचल देखते ही ट्रक लेकर तमिलनाडू की तरफ भागने लगा, जिसका पीछा कर महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश की सीमा पर दस्तयाब किया गया। मुख्य सरगना सनीया उर्फ समीर से प्रारम्भिक पूछताछ में शोभाला जेतमाल में की नकबजनी की वारदात के सोने चांदी के गहने लाडपुरा मे बसन्त कुमार सोनी को देना बताने पर बसन्त कुमार सोनी को दस्तयाब किया गया।
पूछताछ में अन्य वारदातों का खुलासा :-
गिरफ्तार चारों आरोपियों से पुलिस टीमों द्वारा गहन अनुसंधान व विस्तृत पूछताछ की जा रही है। अब तक की पूछताछ मे उक्त गैंग ने जिले में 2 अन्य वारदातें करना स्वीकार किया है। इस सम्बन्ध में गहनता से अनुसंधान व पूछताछ की जा रही है।
वारदात का तरीका :-
उपरोक्त गैंग के मुख्य सरगना सनिया उर्फ समीर अपने साथियों के साथ ट्रक से ग्रामीण इलाकों में होते हुए वारदात के लिए निकलते हैं। रात में ट्रक को घटनास्थल से दूर सड़क पर छोड़कर एक दो सहयोगियों को ट्रक की निगरानी के लिए छोड़कर शेष सदस्यों द्वारा घटना को अंजाम दिया जाता है।