अद्भुत अलौकिक महाकुंभ का नजारा: डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी...

डेढ़ करोड़  से ज्यादा श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी...
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देश के लय से लेकर कन्याकुमारी तक और विदेश के करोड़ों भक्तों ने आज महाकुंभ में पहुंचकर डुबकी लगाई, डुबकी लगाने वालों का आंकड़ा एक करोड़ 60 लाख से भी अधिक का पहुंचा है। डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों के प्रयागराज पहुंचने के बाद वहां की मां को दोस्तों को देखकर कई लोगों ने आश्चर्य जताया है योगी के राज से पहले इतनी अच्छी व्यवस्थाएं नहीं देखी थी।





महाकुंभ 2025 में देश विदेश से करोड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। 13 जनवरी को पहले शाही स्नान के दिन प्रयाग नगरी आस्था में सराबोर नजर आई । हर तरफ लोगों की भीड़ ही भीड़ है। कोई कंधे पर बच्चों को उठाए जाता दिखा तो कहीं लोग बुजुर्ग परिजनों को स्नान कराते नजर आए। घोड़े पर सवार सुरक्षाकर्मी भी गश्त लगा रहे हैं।

यहां देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही अमेरिका, रूस, जर्मनी, इटली, इक्वाडोर समेत तमाम देशों के लोग सनातन संस्कृति से अभिभूत नजर आए। सभी ने संगम में डुबकी लगाई और माथे पर तिलक लगाकर संगम की रेती पर निकल पड़े।

इस दौरान स्पेनिश, जर्मन, रशियन और फ्रेंच समेत कई विदेशी भाषाओं में जय श्री राम और हर हर गंगे के जयकारों से संगम का वातावरण गूंज उठा।





पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेत्री उमाश्री भारती ने महाकुंभ -2025 में की गई व्यवस्थाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। वह‍ सोमवार की सुबह संगम नगरी पहुंचीं। इस दौरान उन्‍होंने महाकुंभ की तैयार‍ियाें को ध्‍यान से देखा।

भाजपा नेत्री ने अपने एक्स हेंडल पर पोस्ट किया- ''मैं आज सवेरे श्री प्रयागराज पहुंच गई थी। महाकुंभ क्षेत्र में नहीं हूं, शहर के अंदर रुकी हुई हूं। आज सवेरे जब श्री प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन पर उतरी तो भ्रम और भय दोनों दूर हो गए। स्टेशन से लेकर पूरे रास्ते में तीर्थ यात्रियों के लिए सुविधा, सुरक्षा इतनी अच्छी है जो आज तक नहीं देखी।

पवित्र नगरी प्रयागराज में संगम नोज समेत स्थायी और अस्थायी घाटों पर भारी भीड़ है। कई भक्तों को दिव्य वातावरण से अभिभूत, नम आंखों के साथ देखा गया। वहीं कई लोग प्रार्थना, अनुष्ठान और एकता की भावना में डूबे रहे। दो दिन पहले ही लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान करना शुरू कर दिया था, जो दर्शाता है कि 45 दिवसीय महाकुंभ 2025 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए भीड़ के अनुमान को पार कर सकता है।

लगे हर-हर महादेव, जय श्री राम और जय बजरंग बली के जयकारे

संगम नोज समेत सभी प्रमुख घाटों पर डुबकी लगाते समय श्रद्धालु हर-हर महादेव, जय श्री राम और जय बजरंग बली के जयकारे लगाते नजर आए। बिहार, हरियाणा, बंगाल, ओडिशा, दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए।

महाकुंभ की भव्यता ने न केवल भारतीय श्रद्धालुओं, बल्कि दुनिया भर से आए पर्यटकों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया। संगम घाट पर अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों और आध्यात्मिक साधकों का तांता उत्सव में शामिल हुआ।





दक्षिण कोरिया के कई यूट्यूबर इस दिव्य अनुभव को अपने कैमरों में कैद करते नजर आए, जबकि जापान के पर्यटकों ने स्थानीय गाइडों से इस आयोजन के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को समझने की कोशिश की। सोमवार को रूस-अमेरिका समेत यूरोप के विभिन्न देशों से आए श्रद्धालु आस्था और एकता के इस महापर्व के साक्षी बने और डुबकी भी लगाई।

इस साल का समागम पहले से कहीं ज्यादा बड़ा

शुरुआती दिनों में भारी भीड़ से पता चलता है कि इस साल का समागम पहले से कहीं ज्यादा बड़ा होगा। पौष पूर्णिमा पर, अपने गहन आध्यात्मिक अनुशासन के लिए जाने जाने वाले कल्पवासियों ने 'मोक्षदायिनी' संगम में पवित्र डुबकी लगाई और 45 दिनों तक चलने वाले अपने आध्यात्मिक एकांतवास की शुरुआत की।





कल्पवासी महाकुंभ अवधि के दौरान ब्रह्मचर्य, साधारण जीवन और नियमित प्रार्थना के सख्त व्रत का पालन करते हैं। उन्होंने न केवल अपने व्यक्तिगत आध्यात्मिक उत्थान के लिए बल्कि मानवता के कल्याण के लिए भी प्रार्थना की। इस वर्ष, महादेव की पूजा के लिए शुभ दिन सोमवार को पड़ने वाले पौष पूर्णिमा के संयोग ने इस अवसर को आध्यात्मिक रूप से और भी महत्वपूर्ण बना दिया।

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