रिश्वत लेते नारकोटिक्स अधिकारी दलाल के साथ गिरफ्तार, 44 लाख रुपए देचुका , करोड़ 1 की थी मांग

चित्तौड़गढ़, राजस्थान के सबसे बड़े अफीम उत्पादक क्षेत्र चित्तौड़गढ़ में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक अफीम तस्कर से जब्त डोडा चूरा मामले में नौ लाख रुपये की रिश्वत लेते नारकोटिक्स विभाग, नीमच के एक अधिकारी एवं उसके दलाल को गिरफ्तार किया है।वहीं किसान की शिकायत पर नारकोटिक्स के अधिकारी और दलाल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. यह कार्यवाही मंडफिया क्षेत्र में अंजाम दी गई है. दोनों को गिरफ्तार कर चित्तौड़गढ़ न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट रिमांड मांगा गया है.
सीबीआई के सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि 15 जुलाई को परिवादी ने शिकायत की कि उसके खेत से नारकोटिक्स विभाग, नीमच (मध्यप्रदेश) के दल ने चार सौ किलो अवैध अफीम डोडा चूरा बरामद किया और उसके परिवार के अन्य सदस्यों को इस मामले में फंसाने की धमकी देते हुए नारकोटिक्स अधिकारी महेंद्र सिंह, निवासी, रिंगस जिला सीकर ने एक करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी है। उसने दलाल जगदीश मेनारिया नामक व्यक्ति से सम्पर्क करने को कहा हछापे के बाद, महेंद्र सिंह ने मांगीलाल के परिवार से कहा था कि वे चित्तौड़गढ़ के डूंगला में आला खेड़ी निवासी जगदीश मेनारिया से संपर्क कर लें। थोड़े दिन बाद जगदीश ने खुद मांगीलाल से संपर्क किया।
महेंद्र सिंह ने जगदीश के जरिए मांगीलाल को धमकी दी कि अगर वह 1 करोड़ रुपए की रिश्वत नहीं देगा, तो उसे और उसके पूरे परिवार को नारकोटिक्स के केस में फंसा देगा। उसके बाद सौदा 53 लाख में तय हो गया। मांगीलाल तीन किश्त में दलाल के जरिए 44 लाख रुपए आरोपी को दे चुका था, लेकिन रिश्वत का सिलसिला यहीं नहीं रुका।.
महेंद्र सिंह और जगदीश मेनारिया ने नौ लाख रुपए की और मांग की। परेशान होकर मांगीलाल ने सीबीआई जयपुर की टीम को शिकायत की। सीबीआई टीम ने शिकायत का सत्यापन करवाया, तो सही निकली। इसके बाद सीबीआई की टीम की योजना के अनुसार पीड़ित ने तीन लाख रुपए देने के बहाने गुरुवार रात दलाल को सांवलिया जी के पास एक होटल में बुलवाया। जैसे ही दलाल पैसे लेने आया, सीबीआई की टीम ने उसे पकड़ लिया।
महेंद्र सिंह उज्जैन में पकड़ा गया
दलाल की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ की गई, तो पूरे मामले में नारकोटिक्स इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह का नाम आया। इसके बाद सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को महेंद्र सिंह को उज्जैन से गिरफ्तार किया। जांच में यह भी पता चला कि आरोपी महेंद्र सिंह ने सीकर, जयपुर और नीमच में गलत तरीके से कमाए गए पैसे से कई संपत्तियां खरीदी है।
ये लगाए आरोप, कई जगह बना रखे हे दलाल प्रार्थी मांगीलाल गुर्जर ने अपनी शिकायत में बताया कि महेन्द्र सिंह नारकोटिक्स विभाग नीमच का भ्रष्ट अधिकारी है. जिसने जयपुर, सीकर और नीमच में बहुत सम्पत्तियां बनाई है और प्रदेश में कई स्थानों पर एजेन्ट बना रखे है जिसके माध्यम से वह रिश्वत की राशि लेता है. 15 जुलाई को की गई इस शिकायत के बाद सीबीआई के पुलिस अधीक्षक ने अधिकारी को नियुक्त किया और उसके बाद टीम बनाकर यह कार्यवाही की गई है. सीबीआई जयपुर की टीम ने इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह और दलाल जगदीश मेनारिया को चित्तौड़गढ़ न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट रिमांड मांगा गया.
सीबीआई ने अपनी एफआईआर में नारकोटिक्स अधिकारी महेन्द्र सिंह व दलाल जगदीश मेनारिया को गिरफ्तार करने का हवाला देते हुए मामले की जांच जयपुर सीबीआई के भ्रष्टाचार अनुभाग के पुलिस उपाधीक्षक कमलेश चन्द्र तिवारी को सौंपी है. गौरतलब है कि नारकोटिक्स विभाग में पूर्व में भी भ्रष्टाचार के मामलाें में सीबीआई कार्यवाही कर चुकी है और कई अधिकारियों को धर लिया गया है.