राजस्थान के नौ बड़े शहर भूकंप के लिहाज से संवेदनशील,: भीलवाड़ा भी अलर्ट सूची में शामिल

राजस्थान में भूकंप को लेकर चिंता बढ़ने वाली खबर सामने आई है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स द्वारा जारी नए भूकंपीय नक्शे में राज्य के कई प्रमुख शहरों को पहले की तुलना में अधिक संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इस सूची में भीलवाड़ा सहित कुल नौ शहर शामिल हैं, जिन्हें भविष्य में भूकंप का खतरा हो सकता है।नया नक्शा जारी होने के बाद अब यह जरूरत महसूस की जा रही है कि अब नई बिल्डिंग की डिजाइन भूकंप रोधी तकनीक से बनाई जानी होगी। हालांकि लोगों को फिलहाल डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये नौ शहर ज्यादा खतरे में नहीं हैं।
नए नक्शे में यह स्पष्ट किया गया है कि जिन इलाकों को पहले कम जोखिम वाला माना जा रहा था, उन्हें अब अपग्रेड कर ज्यादा संवेदनशील क्षेत्रों में रखा गया है। इसे प्रशासन और आमजन दोनों के लिए चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है, ताकि समय रहते जरूरी एहतियात बरती जा सके।
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स के अनुसार यदि आने वाले समय में भूकंप की स्थिति बनती है, तो राजस्थान के कई शहरों में इसका प्रभाव पड़ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए भवन निर्माण, शहरी नियोजन और आपदा प्रबंधन को लेकर सतर्कता बढ़ाने की जरूरत बताई गई है।
जारी नक्शे में राजस्थान के जयपुर, अलवर, जोधपुर, अजमेर, भरतपुर, पाली, उदयपुर, बीकानेर और भीलवाड़ा को संवेदनशील क्षेत्रों की सूची में शामिल किया गया है। पूरे देश को भूकंपीय दृष्टि से छह जोन में बांटा गया है, जिनके आधार पर खतरे का आकलन किया जाता है।
इन जोन का मतलब इस प्रकार है।
पहला जोन पूरी तरह सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है।
दूसरा जोन कम खतरे वाला है, जिसमें बीकानेर और भीलवाड़ा को रखा गया है।
तीसरा जोन मध्यम खतरे का है, जिसमें जोधपुर, पाली, उदयपुर, भरतपुर और अजमेर शामिल हैं।
चौथा जोन उच्च जोखिम वाला है, जिसमें जयपुर और अलवर आते हैं।
पांचवां जोन बेहद खतरनाक श्रेणी का होता है।
छठा जोन सबसे अधिक खतरे वाला माना जाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस नए आकलन के बाद राज्य में भूकंपरोधी निर्माण, पुरानी इमारतों की जांच और आपदा से निपटने की तैयारियों पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में जानमाल का नुकसान कम से कम हो सके।
