अब भीलवाड़ा को बुलेट ट्रेन की सौगात मिलना तय,दिल्ली से अहमदाबाद से तक चलेगी बुलेट ट्रेन!

अब  भीलवाड़ा को बुलेट ट्रेन की सौगात मिलना तय,दिल्ली से अहमदाबाद से तक चलेगी  बुलेट ट्रेन!
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भीलवाड़ा हलचल भीलवाड़ा चित्तोड़गढ़ सहित प्रदेश के ७ जिलों को भी जल्दी ही बुलेट ट्रेन की सौगात मिलना तय हो गया है। कारण कि सरकार ने अहमदाबाद से दिल्ली तक वाया जयपुर होते हुए बुलेट ट्रेन दौड़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस रूट का सर्वे पूरा हो चुका है और उसकी सर्वे रिपोर्ट भी केंद्र सरकार को सौंपी जा चुकी है। भीलवाड़ा में पांसल क्षेत्र में स्टेशन बनाया जा सकता हे .पूरा ट्रैक एलिवेटेड बनेगा. ट्रैक जमीन से करीब 10 से 15 मीटर ऊंचाई पर बनेगा.

दिल्ली-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना से भीलवाड़ा को बड़ी सौगात मिलने वाली है. इस परियोजना का रूट दिल्ली के द्वारका सेक्टर 21 से शुरू होकर गुजरात के अहमदाबाद तक जाएगा. भीलवाड़ा भी इस हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के स्टेशनों में से एक होगा, जिससे यहां के लोगों को दिल्ली और अहमदाबाद जैसे शहरों तक पहुंचने में काफी कम समय लगेगा.दिल्ली-अहमदाबाद कॉरिडोर की कुल लंबाई 886 किलोमीटर के करीब होगी. इस कॉरिडोर का 657 किलोमीटर यानी 75% हिस्सा राजस्थान से होकर गुजरेगा.

यह परियोजना राजस्थान के सात जिलों - अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और डूंगरपुर - से होकर गुजरेगी. दिल्ली-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन मार्ग पर कुल 11 स्टेशन प्रस्तावित हैं, जिनमें से 7 राजस्थान में होंगे: खेरवाड़ा (डूंगरपुर), उदयपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, अजमेर, जयपुर और बहरोड़ (अलवर).

इस बुलेट ट्रेन की गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होने का अनुमान है, और इससे दिल्ली से अहमदाबाद तक की यात्रा में लगभग 4.30 घंटे लगेंगे, जबकि वर्तमान में इस यात्रा में 12 से 14 घंटे लगते हैं.

भीलवाड़ा को कई लाभ मिलेंगे:

कनेक्टिविटी में सुधार: दिल्ली और अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहरों से सीधी और तीव्र कनेक्टिविटी मिलने से भीलवाड़ा के निवासियों के लिए यात्रा आसान हो जाएगी.

आर्थिक विकास: परियोजना से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि इससे व्यापार, पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

बुनियादी ढांचे का विकास: बुलेट ट्रेन के लिए स्टेशन और अन्य संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास से भी क्षेत्र को लाभ होगा.

इस परियोजना से भीलवाड़ा के 34 गांव प्रभावित होंगे, जिनके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. यह परियोजना 2031 तक पूरी होने का लक्ष्य है

चित्तौड़गढ़ के 48 गांवों कनेक्ट होंगे बुलेट ट्रेन से

दिल्ली-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का 80 किमी एलिवेटेड ट्रैक चित्तौड़गढ़ जिले से निकलेगा. जिले से करीब 8-10 किमी दूर धनेत और माताजी की पांडोली के बीच इसका स्टेशन बनाया जाएगा. पूरा ट्रैक एलिवेटेड बनेगा. ट्रैक जमीन से करीब 10 से 15 मीटर ऊंचाई पर बनेगा.

बुलेट ट्रेन ट्रैक की चौड़ाई करीब 17.5 मीटर होगी

अलवर के 19, अजमेर 47, भीलवाड़ा 34, उदयपुर 58 और डूंगरपुर के 16 गांवों की जमीन ट्रैक निर्माण के लिए ली जाएगी. ट्रैक की चौड़ाई करीब 17.5 मीटर होगी. राजस्थान में बुलेट ट्रेन के ट्रैक की लंबाई अलवर में 34.71 किमी, जयपुर 194.58, अजमेर 107.97, भीलवाड़ा 85.57, चित्तौड़ 79.73, उदयपुर 123.29 और डूंगरपुर में 32.10 किमी होगी. डूंगरपुर स्टेशन 23 किमी दूर खेरवाड़ा में डूंगरपुर नाम से होगा. उदयपुर शहर में प्रतापनगर स्टेशन के आसपास महाराणा प्रताप बुलेट ट्रेन स्टेशन के नाम से स्टेशन प्रस्तावित है.

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