अमेरिका में अब 'इंडियन' कहने की इजाजत नहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों कही ये बात, क्या है पूरा माजरा

अमेरिका में अब इंडियन कहने की इजाजत नहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों कही ये बात, क्या है पूरा माजरा
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अमेरिका में अब आप ‘इंडियन’ शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते… अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही. उन्होंने कहा कि इस शब्द के केवल उन्हीं लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जो वास्तव में भारत से हैं.

डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है. दरअसल ट्रंप यहां ‘इंडिनय’ शब्द का इस्तेमाल नेटिव अमेरिकन समुदायों के लिए कर रहे थे, जिन्हें सदियों पहले क्रिस्टोफर कोलंबस की गलती के चलते यह नाम दे दिया गया था. 1492 में जब कोलंबस नई दुनिया की खोज में यहां पहुंचे, तो उन्होंने माना कि वह इंडिया यानी भारत के करीब पहुंच गए हैं.

कोलंबस ने यह मानकर कि वे भारत के आसपास ही उतरे है, वहां की स्थानीय जनजातियों को इंडियन्स कहना शुरू कर दिया. हालांकि जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि वह एक नए महाद्वीप में पहुंचे हैं, लेकिन यह गलत नाम सदियों तक औपनिवेशिक दस्तावेजों, संधियों और इतिहास में जड़ें जमाए रहा. कई नेटिव समूह इसे आज भी एक ऐतिहासिक भूल और अपमानजनक शब्द मानते हैं.

हालांकि बात यहीं खत्म नहीं हुई. डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकार के एक सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘टोमहॉक चॉप’ जैसा हाथ का इशारा भी किया. यह एक ऐसा हावभाव है, जिसे नेटिव अमेरिकन समुदाय लंबे समय से आपत्तिजनक रूढ़िवादी छवि मानते हैं.

डोनाल्ड ट्रंप का मूल निवासियों से टकराव कोई नई बात नहीं है. उन्होंने इस साल भी वॉशिंगटन डीसी में बनने वाले नए एनएफएल स्टेडियम को रोकने की धमकी दी थी, जब तक स्थानीय टीम अपना पुराना नाम ‘रेडस्किन्स’ वापस नहीं ले आती. वर्ष 2020 में यह नाम नस्लभेदी बताकर बदला गया था.

ट्रंप ने क्लीवलैंड गार्डियंस पर भी दबाव डाला था कि वे दोबारा ‘इंडियन’ नाम अपनाएं, यह कहते हुए कि ‘इंडियन लोग’ यही चाहते हैं. हालांकि नेटिव समूहों ने उनके दावे को सिरे से खारिज कर दिया. अमेरिकन इंडियन अफेयर्स एसोसिएशन ने कहा कि ऐसे नाम और मैस्कॉट्स मूल निवासियों को कैरिकेचर में बदल देते हैं और जीवित संस्कृतियों का अपमान करते हैं.

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