दुर्गाष्टमी पर घर—घर पूजी दियाड़ी,मंदिरों में रही श्रद्धालुओं की भीड़

दुर्गाष्टमी पर घर—घर पूजी दियाड़ी,मंदिरों में रही श्रद्धालुओं की भीड़
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भीलवाड़ा।

जिलेभर में शनिवार को दुर्गाष्टमी धूमधाम से मनाई गई। माता के भक्तों ने कन्याओं का पूजन किया। कन्या पूजन के साथ ही वस्त्र, श्रृंगार सामग्री व अन्य उपहार भेट कर उनका आशीर्वाद लिया। इससे पूर्व सुबह गृहणियों ने कन्याओं को भोजन का न्योता दिया। वहीं घर—घर दियाड़ी की पूजा की गई।रविवार को नवमी पर पूर्णाहुति होगी .

चैत्र नवरात्रा की दुर्गाष्टमी पर आज पराम्परा के अनुसार मनाई गई। घर-घर में देवी माता का विशेष पूजन हुआ। देवी माता के नारियल भेंट कर कुशल मंगल की कामना की। घरों में लापसी, चावल , हलवा और अन्य व्यंजन बनाकर देवी माता के भोग लगाया गया। इस दौरान छोटी कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया, उपहार भेंट किए।


प्राचीन काल से मान्यता चल रही है कि जो साधक नवरात्र का व्रत कर अष्टमी के दिन कन्याओं की पूजा कर उन्हें श्रद्धा पूर्वक भोजन करवाते हैं, उन पर मां भगवती अपना पूर्ण हाथ रखती है व उनकी पूजा अर्चना उपवास को सफल बनाती है। कन्या पूजन के लिए हर नवरात्र के अवसर पर कन्याओं को ढूंढते साधकों को देखा जाता है, परंतु आम दिनों में लिंग भेद भू्रण हत्या के सहारे इन्हीं देवी स्वरूप कन्याओं को जन्म देने वाले कभी भी कन्या पूजन का विचार नहीं करते। परंतु अपना उपवास खोलने के लिए कन्याओं को भोजन करवाने पूजन करने के लिए घर-घर में कन्याओं को ढूंढते देखे जा सकते हैं।

बता दें कि मां दुर्गा के आठवें स्वरूप की पूजा के साथ कंजक पूजन से मां दुर्गा को प्रसन्न किया जाता है। भक्तों ने हलवा, पूरी, चने व अन्य पकवान बनाकर कंजक को भोग लगाया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। कंजक को विदा करते समय विभिन्न प्रकार के उपहार भी दिए गए। दुर्गाष्टमी पर जिलेभर में सभी मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए। श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन व आरती कर मन्नतें मांगी।

शहर के बड़ी देवी मंदिर, चावण्डा माता , घाटा रानी , जीर्ण माता मंदिर सहित प्रमुख में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। जोगणिया माता झटला माता , कालिका माता . बंकिया रानी , भरक माता , धनोप माता मंदिरो में भक्त सुबह से ही दर्शन के लिए पहुंचने शुरू हो गए .

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