50 पैसे किलो पहुंचा प्याज, भावुक होकर बोले किसान- 'लागत भी नहीं निकल पा रही'

प्रतापगढ़ ! जिले में प्याज की खेती करने वाले किसान इन दिनों गहरी निराशा में डूबे हुए हैं. बड़ी उम्मीदों के साथ उन्होंने फसल बोई थी लेकिन बाजार में गिरते दामों ने सब कुछ बर्बाद कर दिया. लागत निकालना तो दूर की बात किसानों को अपनी मेहनत का सही मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है.
देशभर में प्याज की बंपर पैदावार के चलते दामों में भारी गिरावट आई है जिससे स्थानीय मंडी में हाहाकार मचा हुआ है. किसान मंडी के व्यापारियों पर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं और उनका गुस्सा साफ झलक रहा है.
पिछले साल जहां प्याज 30 रुपये प्रति किलो तक बिका था वहां इस बार भाव 50 पैसे से लेकर 10 रुपये किलो तक ही पहुंच पा रहा है. इतनी बड़ी गिरावट ने किसानों को झकझोर दिया है.
वे कहते हैं कि खेत तैयार करने से लेकर फसल काटने तक की सारी मेहनत व्यर्थ हो गई. प्रतापगढ़ कृषि उपज मंडी में स्थिति और खराब है जहां नीलामी के दौरान भाव इतने कम लगाए जा रहे हैं कि किसानों को मजबूरी में बेचना पड़ रहा है.
एक किसान ने बताया कि उनकी प्याज की नीलामी में सिर्फ 50 रुपये प्रति क्विंटल की बोली लगी यानी 50 पैसे प्रति किलो. वे कहते हैं कि इतने कम दाम पर तो लागत की भरपाई भी असंभव है.
करजू गांव के अशोक पाटीदार ने दुखी होकर कहा कि प्याज की लागत भी नहीं निकल पा रही. घर में यह महिलाओं को रुलाता है और मंडी में किसानों को. वे बताते हैं कि फसल की देखभाल में कितनी मेहनत लगी लेकिन सब बेकार.
गादोला के जगदीश तेली ने कहा कि हर साल अच्छे भाव की उम्मीद से प्याज बोते हैं लेकिन इस बार अचानक दाम गिर गए. दो दिन पहले तक ठीक भाव था लेकिन व्यापारियों ने नीलामी में सब कुछ बदल दिया. जगदीश ने किसानों की मेहनत को व्यर्थ बताते हुए सरकार से मदद की गुहार लगाई.
