पटवारी पर निर्भरता होगी कम, किसान भी रहेंगे संतुष्ट: ऑनलाइन गिरदावरी शुरू, किसान खुद कर सकेंगे गिरदावरी

ऑनलाइन गिरदावरी शुरू, किसान खुद कर सकेंगे गिरदावरी
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राज्य सरकार ने किसानों को दी ऑनलाइन गिरदावरी करने की सुविधा

भीलवाड़ा। मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा अन्तर्गत राज्य सरकार की ओर से किसानों को स्वयं गिरदावरी करने की सुविधा प्रदान की है। इस बार खरीफ गिरदावरी 2081 (वर्ष 2024) का कार्य 15 अगस्त से शुरू कर दिया गया है। इसके लिए सबसे पहले काश्तकार अपने मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से 'राज किसान गिरदावरी ऐप' डाउनलोड करके अपने जनआधार से लॉगिन कर ई-गिरदावरी कर सकेंगे।

आसीन्द तहसीलदार भंवरलाल सैन ने बताया कि राज किसान गिरदावरी ऐप डाउनलोड कर अपने जनआधार से ऐप लॉगिन करना होगा । आधार से जुड़े मोबाइल नम्बर पर ओटीपी प्राप्त होगा, जिससे वेरीफाई होने के बाद ऐप लॉगिन हो जाएगा।


एप में फसल विवरण जोड़ें पर क्लिक करना है, फिर ऊपर की साइड में जनाधार से जुड़े खसरे का ऑप्शन आएगा एवं दूसरी साइड में खसरा सर्च करें का ऑप्शन रहेगा। इन दोनों ऑप्शन में से खसरा सर्च कर क्लिक करने पर सिम्पल पेज खुलेगा । उसमें काश्तकार को अपना जिला, तहसील एवं गांव सलेक्ट करते हुए आगे बढ़ना होगा । इसके पश्चात अपने खेत का खसरा अंकित करते हुए कैलिब्रेट करें पर क्लिक करना होगा। कैलिब्रेट करने के बाद गिरदावरी सीजन एवं फसल सलेक्ट करते हुए खसरे का एरिया हैक्टेयर में अंकित करना होगा । उसके बाद फसल सिंचित है या असिंचित एवं सिंचाई का स्रोत तथा फलदार पेड़ है तो उनकी संख्या आदि अंकित करते हुए खेत-खसरे में जो फसल बो रखी है, उसकी साफ-सुथरी फोटो अपलोड करनी होगी । उक्त प्रक्रिया के बाद प्रिंट प्रिव्यू का ऑप्शन दिखेगा, वहां क्लिक करने के बाद सबमिट का ऑप्शन रहेगा। सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक करने पर काश्तकार की ओर से की गई गिरदावरी सबमिट होते हुए पंजीकरण संख्या प्राप्त हो जाएगी । गिरदावरी प्रक्रिया संबंधित खसरों (खेत) में खड़े रहकर ही पूर्ण करनी होगी ।

ऐप से गिरदावरी करते समय ध्यान रखने योग्य मुख्य बातें

1.एक खाते में एक से अधिक खातेदार होने की स्थिति में किसी भी एक खातेदार की ओर से संपूर्ण खसरे की गिरदावरी करें ।

2. एक खसरे में एक से अधिक फसल हैं, तो एक से अधिक फसल की गिरदावरी सबमिट की जाए ।

3. गिरदावरी करते समय फसल के साथ खुद की सेल्फी फोटो की आवश्यकता नहीं है ।

4. जिन काश्तकारों के खेत में किसी प्रकार की फसल नहीं है तो भी निल फसल (बिना फसल) की गिरदावरी सबमिट करें, ताकि किसी खसरे की रबी गिरदावरी बकाया नहीं रहे ।

ई-गिरदावरी के फायदे

1. किसानों की ओर से स्वयं ऑनलाइन गिरदावरी करने से गिरदावरी कार्य में पटवारी स्तर पर निर्भरता कम रहेगी एवं वास्तविक फसल की गिरदावरी करना सम्भव हो सकेगा ।

2. साथ ही फसल का अंकन समुचित रूप से हो पाएगा । फसल गिरदावरी वास्तविक फसल के आधार पर हुई है इस बात को लेकर काश्तकार को पूर्ण रूप से संतुष्ट रहेगा ।

भंवरलाल सैन तहसीलदार आसीन्द ने अपील की है कि किसान अधिक से अधिक ऑनलाइन गिरदावरी करें। सभी काश्तकार राज किसान गिरदावरी ऐप का अधिक से अधिक उपयोग कर अपनी खरीफ फसल की गिरदावरी खुद करें, ताकि काश्तकार को पटवारी पर निर्भर नहीं रहना पड़े और फसल का सही आंकलन होकर गिरदावरी कार्य समय पर पूर्ण हो सके । गिरदावरी सबमिट से पहले भली भाति देख लें कि गिरदावरी से सबंधित समस्त विवरण सही है या नहीं । क्योंकि गिरदावरी एक बार सबमिट करने के बाद काश्तकार उस गिरदावरी में किसी प्रकार का संशोधन नहीं कर पाएंगे । खेतों में इस वक्त सभी पटवारी गिरदावरी का कार्य कर रहे है किसानों को यदि कोई समस्या आती है तो उनसे सम्पर्क कर मदद ले सकते है।

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