बागौर में अवैध खनन का मामला: पंचायत समिति सदस्य समेत तीन गिरफ्तार, सरपंच की तलाश जारी

बागौर में अवैध खनन का मामला: पंचायत समिति सदस्य समेत तीन गिरफ्तार, सरपंच की तलाश जारी
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बागौर । बागौर थाना पुलिस ने दादिया गांव में अवैध खदान ढहने और दो श्रमिकों की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पंचायत समिति सदस्य समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, सरपंच कालूलाल जाट सहित एक अन्य आरोपी अभी भी फरार है, जिनकी तलाश जारी है। इस घटना को लेकर पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह यादव ने कांस्टेबल राजूराम बलाई को लाइन हाजिर कर दिया है।

बुधवार रात दादिया में एक अवैध खदान ढह गई थी, जिसमें पुरोहितों का खेड़ा निवासी उदयराम भील (25) और बाज्या खेड़ा निवासी राजकुमार जाट (26) की पत्थर और मलबे के नीचे दबने से दर्दनाक मौत हो गई थी। इस मामले में खनिज विभाग भीलवाड़ा और मृतकों के परिजनों ने पांच लोगों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज करवाया था।

पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र यादव ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बागौर पुलिस को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए थे। थाना प्रभारी भंवरलाल जाट ने बताया कि अवैध खनन के चलते खदान ढहने से दो श्रमिकों की जान चली गई। परिजनों ने बागोर निवासी कालूराम जाट, हरीश खटीक, पेंटर सांसी, देवनारायण खटीक और ललित जाट के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।

पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पंचायत समिति सदस्य हरीश खटीक, ललित जाट और देवनारायण खटीक को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, सरपंच कालूराम जाट और पेंटर सांसी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। मामले की जांच अब कारोई थाना प्रभारी सुरेन्द्र सिंह को सौंपी गई है।

पुलिस अधीक्षक ने बागौर थाने के कांस्टेबल राजूराम बलाई की संदिग्ध भूमिका मानते हुए उन्हें लाइन हाजिर कर दिया है। वहीं, भील समाज के लोग मुआवजे की मांग और निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर पूरी रात बागौर थाने में डटे रहे। विधायक लादूलाल पितलिया ने मृतक के परिजनों को 21-21 हजार रुपये और विधायक उदयलाल भड़ाना ने 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

खेतों को लीज पर लेकर खनन माफिया कर रहे अवैध खनन

जानकारी के अनुसार, जिन क्षेत्रों में यह अवैध खनन हो रहा है, वहां पानी की कमी है और जमीन पथरीली है। ऐसे में खनन माफिया किसानों को पैसों का लालच देकर उनके खेतों की तीन से चार बीघा जमीन लीज पर ले लेते हैं। कई बार चरागाह जमीन के मामले में सरपंच और गांव के लोगों के बीच एग्रीमेंट करके वहां अवैध खनन किया जाता है और पत्थर व अभ्रक निकालकर बेचा जाता है। कई बार खनन को लेकर पड़ोसी खेत के मालिक विरोध भी जताते हैं, लेकिन उन्हें मारपीट का शिकार होना पड़ता है।

राजस्व को हो रहा भारी नुकसान

क्वाटर्स, फेल्सपार और अभ्रक के खनन से सरकार को अच्छी खासी राजस्व मिलता है। इन खनिजों पर अच्छी रॉयल्टी भी है। लेकिन अवैध खननकर्ताओं द्वारा खनन करने से राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है।

कुआंनुमा खदान बनाकर कर रहे अवैध खनन

गंगापुर, भादू, दादिया, बागौर और आसपास के क्षेत्र में चरागाह जमीन पर अवैध खनन हो रहा है। अवैध खनन के माध्यम से पहले यहां से अभ्रक निकाला गया था, लेकिन अब वहां से क्वाटर्स और फेल्सपार निकाला जा रहा है। इसके लिए अवैध खननकर्ता कुआंनुमा खदान बनाकर खनन कर रहे हैं। दादिया में ऐसे आधा दर्जन खनन पीट बने हुए हैं, जो काफी पुराने बताए जा रहे हैं।

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