विपक्ष के हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही बाधित, लोकसभा और राज्यसभा दोपहर तक स्थगित

नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र सोमवार को हंगामे की भेंट चढ़ गया। लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों की कार्यवाही विपक्षी दलों के जोरदार विरोध और नारेबाजी के बीच दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।
लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही दोपहर 12 बजे शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर भाजपा और चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ के आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी समेत INDIA गठबंधन के कई नेताओं ने सदन के भीतर और बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।इस बीच वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में “जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025” पेश किया।** यह विधेयक छोटे-मोटे अपराधों को अपराध-मुक्त करते हुए व्यापार और जीवन को आसान बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा।
हंगामे के दौरान कई विपक्षी सांसद वेल तक पहुंच गए। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि अगर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हुई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन जब हंगामा नहीं रुका, तो कार्यवाही पहले 12 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
राज्यसभा की स्थिति भी अलग नहीं रही। यहां भी विपक्षी सदस्यों के शोरगुल और नारेबाजी के चलते शून्यकाल नहीं चल पाया और कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।इधर, भाजपा ने राज्यसभा सांसदों के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। 19 अगस्त को पिछड़े वर्ग कल्याण संबंधी समिति (ओबीसी) के चुनाव को देखते हुए सांसदों को सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक मतदान के लिए सदन में मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं। कुल मिलाकर, सोमवार को संसद की कार्यवाही हंगामे और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की भेंट चढ़ गई।
