आप रहे सावधान!: लड़कियों से चैटिंग के शौकीन लोग .

लड़कियों से चैटिंग के शौकीन लोग  .
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आपके मोबाइल पर वीडियो कॉल बिना कांटेक्ट (अंजान)नंबर से आए तो उससे संभल कर बात कर या ...नहीं तो आप ठगी के शिकार हो सकते हे , आप का अश्लील वीडियो तैयार कर आपको पुलिस के नाम पर डरा धमका कर ठगा जा सकता हे।

एक पुलिस अधिकारी की माने तो अनजान लड़कियों से चैटिंग के शौकीन लोग जमकर ठगा रहे हैं। अपराधी अश्लील चैटिंग कर उनकी जेब खाली करवा रहे हैं। भीलवाड़ा में इस तरह के मामले भी आए हे जिन्हें अश्लील वीडियो दिखाकर धमकाया रुपयों की मांग की ।

अपराधी वाइस चेंजर से लड़कियों की आवाज में बात करते हैं। ठगी के शिकार होने वालों में छात्र, व्यापारी और निजी कंपनी के कर्मचारी शामिल हैं।


पुलिस स्त्री के मुताबिक, सोशल मीडिया पर टिंडर, बंबल, हैपन आइल, एडवेंचर सीकिंग, बद्दू, जूस्क, वन्स, हगल, द लीग, आक्यूपिड और लेस्ली जैसे डेटिंग-चैटिंग एप उपलब्ध हैं।

इन पर लोग लड़कियों और महिलाओं की सुंदर फोटो देख कर आसानी से आकर्षित हो जाते हैं। वो यह नहीं समझते हैं कि पुरुष ही वाइस चेंजर एप के जरिए उनसे लड़की की आवाज में बात कर रहा है।

कईं दिनों की चैटिंग के बाद पुरुष ठग पर विश्वास करने लगता है। वह घर-परिवार, दोस्त-रिश्तेदारों के साथ-साथ दिनचर्या भी साझा करने लगता है। ठग भी देखभाल करने का अभिनय कर खुद को अच्छा पार्टनर बताने की कोशिश करता है।

पुरुष को लगता है कि उसको अच्छा पार्टनर मिला है। अचानक ठग उस पर नाराज हो जाता है। वह किसी अन्य महिला से चैटिंग करने का आरोप लगा कर पुरुष से सोशल मीडिया अकाउंट का आईडी पासवर्ड ले लेता है।

इससे पुरुष को लगता है कि महिला मित्र उसकी केयर कर रही है और वह भरोसे में आकर संपूर्ण जानकारी दे देता है। ठग पहले मेडिकल इमरजेंसी बता कर रुपये मांगता है। फिर चैटिंग के दौरान निर्वस्त्र कर उसका वीडियो बना लेता है।

आरोपी पुरुष के अकाउंट पर ही फोटो और वीडियो अपलोड करने की धमकी देकर रुपये मांगता है।

पुलिस ने लोगों से अलर्ट रहने और सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से बात करते समय सावधान रहने की सलाह दी है।

क्राइम ब्रांच अफसर बनकर रुपये मांगते हैं साइबर अपराधी

वीडियो बनाने के बाद पीड़ित के पास फर्जी क्राइम ब्रांच अफसर कॉल लगाते हैं। उस पर महिला के साथ वीडियो बनने और यौन शौषण का आरोप लगाया जाता है। पीड़ित गिरफ्तारी और बदनामी के डर से रुपए देने के लिए तैयार हो जाता है। एडीसीपी के मुताबिक, कई लोग तो रुपये गंवा कर भी बदनामी के डर से शिकायत नहीं करते हैं।

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