रिंग रोड पर चाय की जगह मिलेगी शराब:: पुलिस चौकी नहीं दूर और मंदिर भी है पास, फिर भी धड़ल्ले से चल रहा नशे का कारोबार
भीलवाड़ा। पुलिस चौकी और मंदिर से महज कुछ दूरी पर अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। शर्म की बात तो यह है कि पहले एक स्थान पर जहां शराब बिकती थी, वहां अब गांजा और स्मेक जैसे नशे भी बेचे जा रहे हैं, वो भी खुलेआम। दूसरे ठिकाने पर सुबह से देर रात तक मयखाना चालू रहता है। शहर के राजीव गांधी रिंग रोड पर अवैध शराब के एक ठिकाने की हकीकत जानकर हो सकता है कि स्वयं पुलिसवाले भी हक्के बक्के रह जाए। जहाँ से दिनभर में हजारो लोगो की आवाजाही होती है, उसी रोड के ठीक बीच में अवैध शराब गाड़ कर बेची जा रही है।
देश में कहीं पांच दस लोगों की जान एक साथ चली जाए, तब दूसरे राज्य का सिस्टम एक्टिव होता है, कि अब आगे क्या करना है। अभी कुछ दिनों पहले तमिलनाडु में साठ से ज्यादा लोग मर गए, अवैध हथकड शराब के कारण। बात जैसे आई गई हो गई, वैसे तो यहां से भीलवाड़ा से हजारों किलोमीटर दूर का मामला है, मगर भीलवाड़ा शहर सहित जिलेभर में भी उसी तरह की हथकड़ शराब खुलेआम बेची जा रही है, मजाल है कोई इन पर कार्रवाई करे, नहीं होगी, क्योंकि कड़वा सच जो सबकों पता है, वो यह है कि इन अवैध शराब कारोबारियों को संरक्षण पुलिस प्रशासन और आबकारी द्वारा प्राप्त है। जो इन्हें धड़ल्ले से छूट देते हैं कि सुबह 5 बजते ही अवैध शराब बेचना शुरू कर दे, जिसका सिलसिला रात 12 बजे तक चलता रहता है।
शहर के राजीव गांधी रिंग रोड पर तो डिवाईडर को तो अवैध हथकड़ शराब खुफिया तरीके से छिपाने और बगल में ही बेचने का अड्डा तक बना रखा है। ताज्जूब यह है कि पास ही सत्ताधारी पार्टी का जिला मुख्यालय है और यहां आए दिन जिला, प्रदेश और केंद्र के नेता तक आते रहते हैं, अभी हाल ही में प्रदेश के पर्यावरण मंत्री तक आकर गए। उक्त मार्ग के डिवाईडर पौधों की हरियाली से आबाद होने चाहिए, लेकिन वहां खोदे गए गड्ढों में अवैध शराब तक छुपाई जा रही है। शहर के सीवरेज परियोजना से जुड़े कार्यालय के सामने एक होटल पर वहां मजदूरों को खुलेआम चाय की जगह घटिया अवैध शराब परोसी जा रही है। ये तो केवल एक नमूना है। बाकी शहर में ऐसे कई स्थाना है जहां से अवैध गतिविधियां संचालित की जाती है।
शहर के पटरी पार इलाकों में ज्यादा हालात खराब है। बाबाधाम मंदिर से कुछ ही दुरी पर घर में अवैध बार चलाए जा रहे है, इसका प्रमुख कारण यह है कि यहां अधिकांश मजूदर और फैक्ट्री में काम करने वाले लोग निवास करते हैं। बाबाधाम रोड पर नाले के पास हो या मुख्य बाबाधाम मंदिर से कुछ मीटर पहले गली में, दिन रात यहां घरों में शराब बेची जा रही है। जबकि कुछ ही दूरी पर पुलिस चौकी भी है, लेकिन कभी कोई सख्त कार्रवाई नहीं होने से अवैध शराब बेचने वालों के हौसले बुलंद है। शराब के आलावा यहाँ गांजा और स्मैक तक आसानी से उपलब्ध है।
शहर सहित जिलेभर में नशे का कारोबार पांव पसारता जा रहा है। इससे युवा नशे की जद में आ रहे हैं। दर्जनों जगह पर चोरी छिपे कुछ लोग चंद रुपयों की लालच में नशे के कारोबार को पनपा रहे हैं। यहां स्मैक, डोडा पोस्त, अफीम व गांजा आसानी से उपलब्ध हो जाता है। इससे कई परिवार बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। सुबह 6 बजे से रात को 11 बजे तक शराब बिकना आम बात है वही पुलिस छोटे कारोबारियों को दबोचती है, लेकिन मुख्य आरोपियों तक अभी नहीं पहुंच पाई है। कई लोग चोरी छिपे स्मैक, चरस, गांजा, अफीम, डोडा पोस्त बेचने का धंधा कर प्रतिदिन हजारों रुपए कमा रहे है।
नशे की जुगाड़ में चुनते हैं अपराध की डगर
नशे के कारण बढते अपराध के बारे में कई बार स्वयं पुलिस द्वारा भी चेताया जाता रहता है। पकड़े जाने वाले आरोपी का नशे के कारण या उसकी जरूरत को पूरा करने के लिए अपराध किया जाना भी सार्वजनिक है। नशा युवाओं के दिलों-दिमाग पर इस कदर छा जाता है कि ये इसके आदी हो जाते हैं। तलब मिटाने के लिए जैसे-तैसे नसे का जुगाड़ करना पड़ता है। युवा बीड़ी व सिगरेट के साथ सिलव पेपर पर गुप्त स्थानों पर धुंआ उड़ाते हैं। नशे में खासकर स्मैक नहीं मिलने पर युवाओं में गुस्सा होना, झगड़ा करना व अन्य आपराधिक आदतें होना सामान्य हो जाता है। ऐसे में महंगे नशे का शौक पूरा करने के लिए कई युवा अपराध की राह चुन लेते हैं।
यहां है नशे के ठिकाने ठिकाने
हालांकि जहां से नशे के कारोबारी जुड़े है वह स्थान किसी से छुपा नहीं है फिर भी शहर में मुख्यतया बाबाधााम मुख् मंदिर के आस-पास का क्षेत्र, चपरासी कॉलोनी, संतोष कॉलोनी, अहिंसा सर्किल, कुवाड़ा खान, तिलक नगर, शहीद चौक कोलीपाडा, धान मंडी, चपरासी कॉलोनी, कोठारी नदी के आसपास का क्षेत्र मुख्य है और जिले भर की बात करें तो अवैध कच्ची शराब के मामले में बागोर से सबसे अव्वल है।