भीलवाड़ा जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति ने द‍िया ‘जल संचय जन भागीदारी’ अवार्ड

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भीलवाड़ा। भीलवाड़ा जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू को राष्ट्रपति द्वारा दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में ‘जल संचय जन भागीदारी’ अवार्ड प्रदान किया गया। भीलवाड़ा ने जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए केंद्र सरकार के ‘जल संचय जन भागीदारी’ अभियान में राजस्थान में प्रथम और पूरे देश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है।


अभियान के प्रभाव से जिले में भूजल स्तर में 3.57 मीटर की वृद्धि दर्ज की गई, जिसे एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। इसी उपलब्धि के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में आयोजित समारोह में भीलवाड़ा के कलेक्टर जसमीत सिंह संधू को सम्मानित किया।

ज‍िले में संचालित इस अभियान के परिणामस्वरूप भूमिगत जल स्तर में औसतन 3.57 मीटर की अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज हुई है। यह उपलब्धि जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन, विभिन्न विभागों और ग्रामीण-शहरी जनता के सामूहिक प्रयास का परिणाम है।

जिला कलेक्टर के नेतृत्व में अभियान के प्रमुख उपलब्धियाँ

‘जल संचय जन भागीदारी 1.0’ अभियान के तहत कुल 1,01,910 कार्य संपन्न किए गए, जिनमें

81,410 कार्य - ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग

19,017 कार्य - वाटरशेड विभाग

6,273 कार्य - कृषि विभाग

2,284 कार्य - वन विभाग

1,128 कार्य - जलदाय विभाग

22 कार्य - भूजल विभाग

279 कार्य - अन्य विभाग एवं स्वैच्छिक संगठन

इनमें से 46,526 नए जल ढांचों का निर्माण , 55,384 जल संरचनाओं की मरम्मत शामिल है, जिनसे जल संचयन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।

जिला प्रशासन की पहल और जनसहभागिता से जिला देशभर में दूसरे स्थान पर

जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू के नेतृत्व में भीलवाड़ा में जल संरक्षण को जनआंदोलन बनाने पर विशेष जोर दिया गया। प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर जल संरचनाओं के निर्माण व मरम्मत , भू-जल पुनर्भरण के लिए तकनीकी उपाय, जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ग्रामसभाओं, कार्यशालाओं और विशेष जागरूकता कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी।

जिला कलेक्टर ने कहा कि जल संरक्षण केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि भविष्य के लिए सामूहिक जिम्मेदारी है, और हर बूंद के सही उपयोग से ही स्थायी परिवर्तन संभव है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जनसहभागिता अत्यधिक उत्साहजनक रही है, जिसके परिणामस्वरूप जल स्तर में वृद्धि हुई है ।

उन्होंने कहा कि बढ़ते जल स्तर से कृषि, पेयजल उपलब्धता और पर्यावरण संरक्षण में दीर्घकालिक लाभ होंगे। जिले को केंद्र सरकार की ओर से 2 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी।




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