बवाल पर बालमन में सवाल: कान्हा के जन्मोत्सव पर हमारी खुशियों को किसकी लगी नजर ?

कान्हा के जन्मोत्सव पर हमारी खुशियों को किसकी लगी नजर ?
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भीलवाड़ा। बाल गोपाल यानि अपने कान्हाजी के जन्मदिन पर उत्साह में आनंदित बच्चों द्वारा शहर में लगाई जाने वाली झांकियों को इस बार समाजकंटकों की नजर लग गई है। बच्चों के जिस उत्साह को तीन दिन जारी तेज बारिश भी कम नहीं कर सकीं, उसे शहर की आबोहवा में जहर घोलने का प्रयास करने वालों ने मासूस कर दिया। हालांकि के हिंदू बाहुल्य हिस्सों में बच्चों ने उल्लास के साथ झांकियां तैयार की है। लेकिन जिन बच्चों की झांकियां नहीं बन पाई, उनके मन में अभी भी सवाल है कि जब प्रशासन व कुछ संगठनों ने जन्माष्टमी त्यौहार खत्म होने तक भीलवाड़ा बंद नहीं करने की सहमति बनी थी, फिर ऐसी नौबत क्यों आई, जिससे डर का माहौल बना?

शहर में गांधीसागर के निकट हरणी महादेव रोड स्थित श्रीवीर हनुमान मंदिर के बाहर गोवंश का कटा अंग फेंकने को लेकर हुए विवाद का असर जन्माष्टमी के पर्व पर भी देखा गया। हिंदूवादी संगठनों व आक्रोशित युवा ने घटना के एक दिन बीतने के बाद भी उचित कार्रवाई नहीं के विरोध में शहर की सडक़ों पर बाजार बंद कराने निकल पड़े। माहौल खराब होने की आंशका के चलते कुछ व्यापारियों ने तो सुबह से ही दुकानें नहीं खोली। इस बीच सोमवार दोपहर को आक्रोशित युवा बाजार बंद कराने पहुंचे तो दुकानदार अपनेआप ही शटर गिराकर चले गए। दुकानदारों का कहना है कि हर बार की तरह जन्माष्टमी पर ये विभत्स घटना होने के कारण लोगों में कुछ हो जाने का डर भी है, इसके चलते बाजार में रौनक ना के बराबर है। हालांकि पुलिस प्रशासन ने लगातार बाजार में गश्त बरकरार रखते हुए व्यापारियों से दुकाने बंद नहीं करने को कहा।

बच्चों की झांकियों में आई कमी

अपने लड्डू गोपाल का बर्थ-डे यानि जन्माष्टमी मनाने को लेकर बच्चों में शहर के मुख्य मंदिरों व बाजारों को आकर्षक रूप से सजाया जाता है। लोगों की भारी भीड़ शाम होते ही शहर के मंदिरों में सजी झांकियों को देखने निकल पड़ती है। लेकिन बच्चों की झांकियां को देखने का उत्साह भी बड़ों में रहता है। जिसे साल में एक बार बच्चे अपने घरों के बाहर, बाजार, चौक में उचित जगह पर मेहनत के साथ चंदा आदि जमा करके झांकियां सजाते हैं, शहरवासी भी विशेषकर मंदिरों के अलावा इन बच्चों द्वारा सजाई झांकियों को निहारने के लिए रात होते ही निकल पड़ते हैं। शहर के माहौल को देखते हुए इस बार मुख्य बाजार के गली-मौहल्लों में घरों के बार बच्चों द्वारा लगाई झांकियों में कमी आई है।

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