बनास नदी में दो जगह छापे ,7 ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त,5 हिरासत में , बजरी माफियाओ से मिलीभगत के आरोप में एक सिपाही को हटाया ,दूसरे के खिलाफ जाँच ,मचा हड़कंप

भीलवाड़ा हलचल : जिले में अवैध बजरी खनन और परिवहन के खिलाफ मंगरोप थाना क्षेत्र में मंगलवार को कल्याणपुरा और मंडपिया बनास नदी में क्षेत्र में छापेमारी कर अवैध रूप से बजरी भर रहे 7 ट्रैक्टर-ट्रॉली को मौके पर ही जब्त कर लिया। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 5 आरोपियों को हिरासत में लिया, जबकि कुछ ड्राइवर पुलिस को देखते ही ट्रैक्टर छोड़कर फरार हो गए। इस सख्त कार्रवाई से न केवल बजरी माफियाओं में हड़कंप मच गया, बल्कि स्थानीय थाना पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठे, जब एक सिपाही को बजरी माफियाओं से मिलीभगत के आरोप में लाइन हाजिर कर दिया गयाऔर एक अन्य के खिलाफ जाँच बैठा दी ।
पुलिस की मंगरोप क्षेत्र में अवैध बजरी खनन के काले कारोबार पर नकेल कसने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जब्त किए गए ट्रैक्टर-ट्रॉली को मंगरोप थाना परिसर में खड़ा करवाया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई जिला प्रशासन और पुलिस के संयुक्त प्रयासों का हिस्सा है,
बजरी माफियाओं से मिलीभगत का खुलासा, मचा हड़कंप
इस मामले में भीलवाड़ा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) धर्मेंद्र सिंह ने सख्त रुख अपनाते हुए मंडपिया पुलिस चौकी पर तैनात सिपाही रूपसिंह गुर्जर को बजरी माफियाओं से मिलीभगत के आरोप में तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया। इसके साथ ही, एक अन्य सिपाही राजुगिरी की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है, जिसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। यदि जांच में राजुगिरी दोषी पाए गए, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। माना जा रहा हे की निचले स्तर पर बिना सरक्षण के बजरी माफियाओ से तालमेल सम्भव नहीं हो सकता !इस घटना ने पुलिस विभाग में भी हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि माफियाओं के साथ मिलीभगत की शिकायतें पहले भी सामने आ चुकी हैं।
राहगीरों की जान पर बन आई आफत
अवैध बजरी खनन का यह काला कारोबार न केवल पर्यावरण के लिए खतरा है, बल्कि स्थानीय लोगों की सुरक्षा को भी जोखिम में डाल रहा है। मंगरोप मार्ग पर तेज रफ्तार से दौड़ते बजरी से भरे ट्रैक्टर और डंपर राहगीरों के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं। समूह में निकलने वाले ये वाहन अक्सर सड़क पर धूल और गंदगी फैलाते हैं, जिससे दृश्यता कम हो जाती है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।मंगरोप से भीलवाड़ा के बिच के गांव और कॉलोनियों के स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन वाहनों की तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण उनकी जान हर पल सांसत में रहती है। खासकर स्कूल जाने वाले बच्चे और बुजुर्ग इस खतरे का सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। हरनी गांव की स्कुल मुख्य सड़क पर होने से भी दुर्घटना का अंदेशा बना रहता हे .बजरी के काले खेल में कैटर के सफेद पॉश लोगो के साथ ही भुजबलीयो की सांठगांठ किसी से छिपी नहीं हे
पुलिस प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि ऐसी कार्रवाइयाँ आगे भी जारी रहेंगी। जिला प्रशासन ने भी अवैध खनन के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही है। स्थानीय लोग अब मांग कर रहे हैं कि ऐसी कार्रवाइयों को नियमित किया जाए और माफियाओं के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
