यूआईटी के अफसरों की जादूगरी का नमूना, पौधों की जगह उग रहे कांटे
भीलवाड़ा। हरियाली के लिए आपने कभी पौधे लगाए हो और उसके स्थान पर कांटे उग गए। उम्मीद है किसी के साथ ऐसा नहीं हुआ होगा। लेकिन भीलवाड़ा यूआईटी के जिम्मेदारों की जादूगरी का नमूना देखिए कि डिवाइडर के बीच लाखों रुपए खर्च कर लगाए पौधों की जगह पर कंटीली झांडिय़ा उग रही है। दूसरा अजूबा यह है कि राजीव गांधी रिंग रोड से गुजरते सब है, लेकिन जिमीदारो को डिवाइडर पर उगी कंटीली झांडिय़ा किसी को दिखाई नहीं देती है। यदि दिखाई देती तो कुछ लोगों के नाकारेपन के कारण हुए उजाड हुए डिवाइडर शहर की सुंदरता को दाग नहीं लगा रहे होते। सुखाडिया सर्किल से आगे पुराना चुंगी से शुरू होते ही रिंग रोड के डिवाइडर की स्थिति देखकर अंदाजा लग जाएगा कि प्रति माह हजारों लाखों की तनख्वा पाने वाले अफसर, कर्मचारी और देखरेख का ठेका लेने वाले आम जनता की मेहनत के टैक्स से होने वाली राजस्व आय को खर्च करने के प्रति कितने गंभीर है। हम यह बता दे की रोड पर कुछ जगह झाडिया उगना सामान्य है, लेकिन जब अधिकांश जगह पर दुर्दशा हो तो मामला गंभीर हो जाता है।
शहर को हराभरा बनाने के लिए लाखों रूपये खर्च कर सडक़ किनारे और डिवाइडर पर बड़ी संख्या में पौधे लगाए हैं। लेकिन, इनकी देखरेख में लापरवाही बरती जा रही है। भीषण गर्मी के बाद भी पेड़ पौधों को जिंदा और हराभरा रखने के लिए पानी भी नहीं डाला जा रहा है। यूआईटी ने इसके लिए शहर को चार जोन में बांटकर ठेकेदारों को सार संभाल की व्यवस्था सौंप रखी है। यदि यूआईटी को शिकायत भी मिलती है तो फोरी कार्रवाई के नाम पर केवल नोटिस थमा कर इतिश्री कर ली जाती है।
शहर के मुख्य सडक़ अजमेर रोड, चित्तोड़ रोड, रिंग रोड के डिवाइडर में लगे पौधे सूख चुके हैं या फिर सूखकर खत्म होने के कगार पर आ चुके हैं। वजह यूआईटी और नगर परिषद् इन्हें लगाकर इनकी देखरेख करना ही भूल गया है। इन्हें पानी ही नहीं दिया गया है। ऐसे में पौधे सूखते ही जा रहे हैं। सबसे ज्यादा खराब हालत तो शहर के चुंगी नाका से कोठारी नदी के मार्ग के साथ-साथ बने रिंग रोड पर लगाए गए पौधों का है।
इसी तरह अजमेर रोड पर लगाए गए पौधों का भी यही हाल है। जहां ज्यादातर पौधे सूख कर खत्म हो चुके हैं। वहीं शेष पौधे पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये भी जल्द ही सूख कर खत्म हो जाएंगे। मुख्य मार्ग होने के कारण यहां से सभी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारियों का लगातार आना जाना लगा रहता, बावजूद इसके अब तक जिम्मेदार अधिकारियों की नजर इन सुख रहे पेड़ पौधों पर नहीं पड़ती है। सुंदरीकरण के नाम पर लाखों रूपये खर्च कर लगाए गए पौधे विभागीय लापरवाही के चलते सूखने लगे हैं।
जानवर बना रहे निवाला
सडक़ एवं डिवाइडरों के किनारे और चौराहों के बीच में लगने वाले पेड़-पौधों को जानवर अपना निवाला बना रहे है। जिसके चलते यहां लगे हुये पौधे कुछ ही दिन में गायब हो जाते हैं। जिम्मेदार अधिकारियो की ओर से ध्यान ना देने के कारण लाखों रूपये की लागत से विकसित की गई हरियाली अब चौपट होने की कगार पर है।
लाखों रूपये खर्च, देखरेख में लापरवाही
शहर को हराभरा बनाने के लिए लाखों रूपये खर्च कर सडक़ किनारे और डिवाइडर पर बड़ी संख्या में पौधे लगाए हैं। लेकिन, इनकी देखरेख में लापरवाही बरती जा रही है। भीषण गर्मी के बाद भी पेड़ पौधों को जिंदा और हराभरा रखने के लिए पानी नहीं डाला जा रहा है। इसके चलते शहर में प्रवेश के सभी मार्गो और रिंग रोड पर डिवाइडर में लगाए गए पेड़ पौधे सूखते जा रहे हैं। जो पेड़ पौधे लगाए गए हैं उसे बचाने की तरफ तो ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बल्कि आगामी बरसात में पौधरोपण जोर दिया जा रहा है।