ग्राम विकास अधिकारी ने फांसी लगाकर दी जान: पंचायत कार्यों का दबाव और मानसिक तनाव बना मौत की वजह

भीलवाड़ा BHN.जिले के पंडेर थाना क्षेत्र के देवपुरी गांव में मंगलवार को ग्राम विकास अधिकारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि वे पंचायतों से जुड़े कार्यों को लेकर पिछले कुछ महीनों से मानसिक तनाव में थे। दो दिन पहले ही वह अवकाश पर घर आए थे। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सुपुर्द कर दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
अवकाश पर घर लौटे थे ग्राम विकास अधिकारी
पंडेर थाना एएसआई रामप्रसाद मीणा के अनुसार, मृतक की पहचान देवपुरी निवासी शंकर लाल मीणा (25) पुत्र भोजाराम मीणा के रूप में हुई है। वे ग्राम पंचायत ईंटमारिया में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। दो दिन पहले वे छुट्टी लेकर घर आए थे। मंगलवार सुबह ड्यूटी जाने के लिए निकले, लेकिन कुछ देर बाद घर लौट आए। उस समय घर पर कोई नहीं था। इस दौरान उन्होंने कमरे में फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
घर लौटने पर दिखा दर्दनाक दृश्य
कुछ समय बाद जब परिजन और ग्रामीण घर पहुंचे तो शंकर लाल को फंदे पर लटका देखा। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची, शव को नीचे उतारा और पोस्टमार्टम के लिए राजकीय अस्पताल भेजा।
पंचायत कार्यों को लेकर थे तनाव में
मृतक के बड़े भाई कैलाश मीणा ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि शंकर लाल पिछले दो से ढाई महीने से पंचायतों के कार्यों को लेकर मानसिक तनाव में थे। बार-बार के दबाव और कार्य संबंधी उलझनों के कारण वे परेशान रहते थे।
शादीशुदा थे, संतान नहीं थी
शंकर लाल विवाहित थे, लेकिन उनकी कोई संतान नहीं थी। पुलिस का कहना है कि आत्महत्या के कारणों की गहराई से जांच की जा रही है और संबंधित दस्तावेज व कार्य रिकॉर्ड की भी पड़ताल की जाएगी।
