बिहार में बड़ी घटना: जहानाबाद के सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में भगदड़… 8 की मौत, कई घायल,फूल की दुकान पर हुआ झगड़ा, दुकानदार ने कांवड़िये पर चला दी लाठी…

जहानाबाद के सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में भगदड़… 8 की मौत, कई घायल,फूल की दुकान पर हुआ झगड़ा, दुकानदार ने कांवड़िये पर चला दी लाठी…
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जहानाबाद । बिहार में जहानाबाद के सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में रविवार रात भगदड़ मचने से 8 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। 9 लोग घायल हैं, जिन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पहले 7 लोगों के मरने की पुष्टि की गई थी। सोमवार सुबह एक घायल ने दम तोड़ दिया



घटना वाणावार सिद्धेश्वर धाम के भक्तों की भीड़ के बीच हुई। बताया जा रहा है कि चौथी सोमवारी को जलाभिषेक करने के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी। वाणावार पहाड़ पर पतालगंगा से जो सीढी जाती है उसपर दर्जनों श्रद्धालु चढ़ और उतर रहे थे। मंदिर के पास सीढ़ी पर कांवरियों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। देखते ही देखते धक्का-मुक्की की स्थिति उत्पन्न हो गई। मंदिर के पास मौजूद पुलिसकर्मियों ने हालात काबू पाने की कोशिश की लेकिन अचानक भगदड़ मच गई। भगदड़ होते ही इधर-उधर लोग भागने लगे। अंधेरे में लोग एक-दूसरे को कुचलते हुए इधर-उधर भागने लगे। इधर, पुलिस जब तक हालात को नियंत्रित करती तब तक छह महिला समेत सात श्रद्धालुओं ने दम तोड़ दिया। सोमवार को सूर्योदय से पहले ही यह हादसा हुआ। हादसे में 10 से ज्यादा लोगों के घायल होने की बात सामने आ रही है। मंदिर क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों और स्वयंसेवकों की मदद से राहत और बचाव का कार्य चल रहा है। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।




फूल की दुकान पर हुआ झगड़ा, जिससे मची भगदड़

पुलिस जांच में भगदड़ मचने की शुरुआती वजह सामने आई है। पुलिस के अनुसार, भारी भीड़ के बीच फूल की दुकान पर दुकानदार और कावड़िये के बीच झगड़ा हो गया। दुकानदार ने कावड़िये पर लाठी चला दी, जिसके बाद भगदड़ मच गई।


वहीं, जहानाबाद के SHO दिवाकर कुमार विश्वकर्मा के अनुसार, 'सूचना मिलते ही डीएम और एसपी घटनास्थल पर पहुंचे। स्थिति का जायजा लिया। कुल सात लोगों की मौत हुई है। हम लोगों के परिवार के सदस्यों से मिल रहे हैं और पूछताछ कर रहे हैं। मृतकों की शिनाख्त की जा रही है। इसके बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाएंगे।’

मखदुमपुर निवासी कृष्णा कुमार ने दावा किया है कि सात से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि जहानाबाद सदर अस्पताल में कोई विधि व्यवस्था नहीं है। इतना ही नहीं जहानाबाद पहाड़ पर भी प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। केवल चार-पांच पुलिसकर्मी किनारे-किनारे खड़े थे। कोई देखरेख करने वाले नहीं होने के कारण दर्शन करने वाले श्रद्धालु मनमानी कर रहे थे। धक्का-मुक्की करते हुए आगे बढ़ रहे थे। दो तरफ से रास्ता खुलने के कारण ऊपर काफी भीड़ हो जाती है। इसी कारण भगदड़ मची। मेरे परिवार से एक 20 साल की लड़की (निशा कुमारी) की मौत हो गई। एक लाश गाड़ी में पड़ी है। वह 35 साल के युवक की लाश है। अगर विधि व्यवस्था दुरुस्त रहती तो 35 साल का युवक नहीं मरता। एक मासूम बच्चे की मां मर गई है। वह रो-बिलख रहा है। उसे कोई देखने वाला है। एक-एक एंबुलेंस में चार-चार लोगों की लाशें लोड कर भेजी गई है।

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