राजस्थान में चुनावी तैयारी पर विराम! : SIR प्रक्रिया के चलते स्थगित होते दिख रहे निकाय और पंचायत चुनाव ?

राजस्थान में चुनावी तैयारी पर विराम! : SIR प्रक्रिया के चलते स्थगित होते दिख रहे निकाय और पंचायत चुनाव ?
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भीलवाड़ा/ जयपुर । प्रदेश में लोकतांत्रिक सरगर्मियों के बीच अब चुनावी माहौल पर फिलहाल ब्रेक लग गया है। राजस्थान में *विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) प्रक्रिया शुरू होते ही सोमवार रात 12 बजे से मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) फ्रीज कर दी गई है। इसके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि अब पुनरीक्षण प्रक्रिया पूरी होने तक मतदाता सूची में कोई नया नाम जोड़ा या हटाया नहीं जा सकेगा।

इस फैसले का सीधा असर स्थानीय निकाय और पंचायतीराज संस्थाओं के चुनावों पर पड़ना तय माना जा रहा है। पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि जनवरी 2026 में निकाय और पंचायत चुनावों की घोषणा हो सकती है, लेकिन अब यह संभावना धुंधली होती नजर आ रही है। चुनावी प्रक्रिया के शुरू होने से पहले SIR की कार्रवाई पूरी होना आवश्यक है, और जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक चुनाव आयोग नई वोटर लिस्ट के बिना अधिसूचना जारी नहीं कर सकता।

राज्य में *SIR प्रक्रिया* के तहत मतदाता सूची का गहन सत्यापन, नए पात्र मतदाताओं का पंजीकरण और मृत अथवा स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाने जैसे कार्य किए जा रहे हैं। इस दौरान जिला निर्वाचन अधिकारियों और संबंधित कर्मचारियों को नियमित स्थानांतरण से भी रोक दिया गया है, ताकि पुनरीक्षण कार्य पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा सके। अधिकारियों के तबादलों पर रोक का यह निर्णय भी चुनाव टलने की दिशा में संकेत देता है।

राजनीतिक हलकों में इस कदम को लेकर चर्चा तेज हो गई है। सत्तारूढ़ दल जहां इसे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए जरूरी कदम बता रहा है, वहीं विपक्ष का कहना है कि सरकार प्रशासनिक बहाने बनाकर चुनावी देरी चाहती है। विपक्षी दलों का आरोप है कि मतदाता सूची में नए वोट जोड़ने और पुराने हटाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के नाम पर चुनावों को टाला जा रहा है, ताकि राजनीतिक समीकरणों को साधने का समय मिल सके।

चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि यह स्थगन चुनावी तैयारी को प्रभावित करेगा, लेकिन इससे मतदाता सूची की सटीकता और अद्यतनता में सुधार आएगा। बीते कुछ वर्षों में कई स्थानों पर एक ही व्यक्ति का नाम दो जगह दर्ज होने या मृत मतदाताओं के नाम सूची में बने रहने जैसी शिकायतें मिली थीं। इस बार आयोग इन त्रुटियों को दूर करने के लिए विशेष रूप से सतर्क है।

जनता के लिए भी यह मौका है कि वे अपने मतदान अधिकार को सुनिश्चित करें। आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे अपने नाम, पता और फोटो की सही स्थिति की जांच करें तथा आवश्यक सुधार के लिए संबंधित बीएलओ से संपर्क करें।

फिलहाल संकेत साफ हैं — राजस्थान में स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव अब *SIR प्रक्रिया* पूर्ण होने के बाद ही संभव होंगे। इसका अर्थ यह है कि लोकतांत्रिक रणभेरी अब कुछ माह बाद ही बजेगी, लेकिन इसके साथ ही यह भी तय है कि अगले चरण में चुनाव और अधिक सटीक मतदाता सूची के साथ होंगे, जो लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत बनाएंगे।

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