मिलावट का बाजार: सिस्टम लाचार : मिलावटखोरी का अंत क्यों नहीं हो पा रहा है? बढ़ रही हे बीमारी जा रही हे जान !

सिस्टम लाचार : मिलावटखोरी का अंत क्यों नहीं हो पा रहा है? बढ़ रही हे बीमारी जा रही हे जान !
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भीलवाड़ा हलचल त्योहारोंका मौसम चल रहा है और मिलावटखोरी भी खूब हो रही है। पिछले कई सालों से इसी मिलावटखोरी ने कई लोगों को बीमार किया है, कई जिंदगियां भी ली हैं। बावजूद इसके मिलावटी खाने-पीने का सामान में धड़ल्ले से बाजार में बिक रहा है। ऐसा नहीं है कि यह मिलावट सिर्फ दूध तक ही सीमित है, बल्कि खाने-पीनेकी करीब-करीब हर चीज में मिलावट होती है। अब तेल और आटे में भी मिलावट होने लगी है। आटे को सफेद बनाने के लिये मिलावटखोरों ने तरह-तरह की तरिके खोज निकाले हैं।भीलवाड़ा में कुछ समय पहले ही जयपुर की टाइम ने की जगह मिलावटी तेल और गहि का कारोबार पकड़ा लेकिन स्थानीय जिम्मेदार तब भी मुख दर्शक थे और आज भी ऐसे ही हालात हे.किस दुकान में कितना वजन हे उसी आधार पर कार्यवाही होती हे .!मिलावट का बाजार, सिस्टम लाचार : मिलावटखोरी का अंत क्यों नहीं हो पा रहा है?

गेहूं के आटे को ज्यादा सफेद बनाने के लिये उसमें सस्ता और घटिया चावल का चूरा मिलाया जा रहा है। इससे आटे में सफेदी ज्यादा आ जाती है। कीमत भी अच्छी मिलती है। आटे की मात्रा बढ़ाने के लिए खड़िया या चाक के पाउडर की मिलावट भी हो रही है।एक व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मुनाफा कमाने के चक्कर में आटे में भी मिलावट शुरू हो गई है। मिलावट वाले आटे को ग्रामीण से लेकर उपनगरीय इलाकों में बेचा जा रहा है। सफेदी अच्छी होने की वजह से इस आटे को खुले में सामान्य के मुकाबले ज्यादा ऊंचे दाम पर बेचा जाता है। वहीं इस मिलावट पर चिकित्सा विभाग एक अधिकारी ने बताया कि समय-समय पर कार्रवाई कर मिलावटखोरों की धड़पकड़ होती रहती है। इन दिनों मिलावटी आटे की शिकायतें भी आ रही हैं, जिनपर कार्रवाई की जा रही है।

चावल का वजन बढ़ाने के लिए ब्रांडेड आइटम में महीन सफेद पत्थर की मिलावट सामने आ रही है। गेहूं में भी पत्थर और मिट्टी मिलाई जाती है। गेहूं के आटे में सिंघाड़े का आटा मिलाया जाता है। दालों में पत्थर और मिट्टी मिलाई जाती है। दालों को पुराना दिखाने के लिए केमिकल रंगों का इस्तेमाल होता है। चाय पत्ती में इस्तेमाल की हुई पत्ती को रंगकर मिलाया जाता है। कॉफी में इमली के बीज का चूरा मिलाया जाता है। काली मिर्च में पपीते का बीज मिलाया जाता है।

बढ़ रही हे बीमारी जा रही हे जान

दूध में मिलावट

दूध में सबसे ज्यादा पानी मिलाया जाता है। पानी के अलावा यूरिया, रिफाइंड ऑयल और सफेद रंग को मिलाकर भी नकली दूध भी बनाया जाता है। वहीं चीनी में चॉक और चूना मिलाया जाता है। घी में वनस्पति तेल और खुशबु के लिए एसेंस और रंग मिलाया जाता है।

मिलावट खतरनाक

खाने-पीने के सामान में की जा रही मिलावट पर चिकिरसको का कहना है कि यह स्वास्थ्य के लिये बेहद खतरनाक है। आटे में चॉक या दूसरे बाहरी पदार्थ का मिश्रण शरीर के रक्त से होता हुआ महत्वपूर्ण अंगों तक पहुंच जाता है। ऐसे मिलावटी पदार्थ महत्वपूर्ण अंगों में जमा होने लगते हैं। एक निश्चित मात्रा के बाद यह अंगों को खराब करने लगता है। साथ ही त्वचा और किडनी पर भी इसका असर पड़ता है।

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