मंत्रिमंडल के गठन का फार्मूला तैयार,राजस्थान में किसका है नाम!
भाजपा और सहयोगी दलों ने मिलकर मंत्री पद आवंटन का फॉर्मूला तैयार कर लिया है। पांच सांसदों पर एक मंत्री पद दिया जाएगा।गृह, वित्त, रक्षा, विदेश और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय भाजपा अपने पास रखेगी। राजस्थान को इस बार पहले की तरह त्वज्जो नही मिलती नजर आ रही है, एक या दो मंत्री बनाए जा सकते हे, मगर पहली सूची में बीकानेर से जीते अर्जुनराम मेघवाल केअलावा किसी और के नाम की चर्चा नहीं है मेघवाल को आज चाय परबुलया गया है
भाजपा से राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान, बासवराज बोम्मई, मनोहर लाल खट्टर, सर्वानंद सोनोवाल का मंत्री बनना तय माना जा रहा है।
जदयू कोटे से सांसद ललन सिंह और रामनाथ ठाकुर को कैबिनेट में जगह मिलना तय है।
चिराग पासवान, जीतनराम मांझी के साथ ही रालोद प्रमुख जयंत चौधरी भी मंत्री बनेंगे।
भाजपा के बाद एनडीए के सबसे बड़े दलों में शुमार टीडीपी और जदयू से एक-एक कैबिनेट और एक-एक राज्य मंत्री शपथ लेंगे।
इसके अलावा शिवसेना एवं लोजपा (आर) से एक-एक सांसद को मंत्री पद मिलेगा।
बिहार से संजय झा और वाल्मीकि नगर के सांसद सुनील कुमार को भी मंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन इनका नंबर बाद में आ सकता है।
बिहार से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) प्रमुख जीतन राम मांझी एवं लोजपा प्रमुख चिराग पासवान भी मंत्री बनेंगे। उन्हें कैबिनेट या फिर स्वतंत्र प्रभार का राज्य मंत्री बनाया जा सकता है।
आंध्र प्रदेश से भाजपा कोटे से दो सांसदों के मंत्री बनने की संभावना है। बिहार से भी भाजपा के दो सांसद भी मंत्री बनेंगे।
सूत्रों ने कहा कि कैबिनेट समिति में शामिल चार मंत्रालयों- गृह, रक्षा, वित्त और विदेश सहित कोई भी महत्वपूर्ण मंत्रालय सहयोगी दलों को नहीं दिया जाएगा. यह भी संभावना है कि भाजपा शिक्षा, संसदीय मामले, संस्कृति और सूचना एवं प्रसारण विभाग अपने पास ही रखेगी. साथ ही यह भी कोशिश रहेगी कि लोकसभा स्पीकर का पद भी बीजेपी के पास ही रहे. सहयोगी दलों की बात करें, तो उनके पास 12-15 मंत्रियों का प्रतिनिधित्व हो सकता है और शिरोमणि अकाली दल से भी बातचीत चल रही है. टीडीपी (16 सांसद) और जेडी-यू (12) को एक कैबिनेट बर्थ और एक जूनियर मंत्री पद के लिए समझौता करने के लिए कहा गया है. शिवसेना (7) और एलजेपी (5) को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है. रालोद (2 सांसद) प्रमुख जयंत चौधरी के मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि टीडीपी प्रमुख और कल्याण के सहयोगी एन चंद्रबाबू नायडू के परामर्श से जन सेना के प्रतिनिधित्व पर निर्णय लिया जा सकता है. भाजपा की पुरानी सहयोगी और अपना दल प्रमुख अनुप्रिया पटेल, जो पिछली मोदी सरकार में मंत्री थीं, उनको मंत्रालय मिलना निश्चित माना जा रहा है.