एक चिता पर हुआ मां बेटी का अंतिम संस्कार, प्रदर्शन के बाद मुआवजे पर बानी सहमति: आधीरात को गिरा मकान का बरामदा, मां-बेटी की मौत, एक बेटी घायल

आधीरात को गिरा मकान का बरामदा, मां-बेटी की मौत, एक बेटी घायल
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सवाईपुर ( सांवर वैष्णव ) क्षेत्र के बड़लियास कस्बे में शनिवार मध्य रात्रि को अचानक उसे वक्त एक दर्दनाक हादसा हो गया जब एक पक्के मकान का बरामदा अचानक भरभरा कर धराशाई हो गया, बरामदे के गिरने से मलबे में दबने से मां-बेटी की मौत हो गई, जबकि दूसरी बेटी घायल हो गई, एकाएक हुए इस हादसे से बड़लियास कस्बे सहित परिवार में शौक की लहर छा गई । सूचना पर बड़लियास पुलिस व 108 एंबुलेंस मौके पर पहुंची, घायल को जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया, वही दोनों मां बेटी के शव को मोर्चरी घर में रखवाया गया, ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने के लिए मुआवजे मांग करते हुए प्रदर्शन किया, मौके पर पहुंचे जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से वार्ता के बाद मुआवजे पर सहमति बनने पर शवों का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों के सुपुर्द किया।

थाना प्रभारी सिद्धार्थ प्रजापत ने बताया कि बड़लियास कस्बे में शनिवार मध्य रात्रि को भैरू सिंह दरोगा के पक्के मकान का बरामदा अचानक भरभरा कर धराशाई हो गया, जिसके नीचे सो रही पत्नी व दो बेटियां मलबे में दब गई। तेज धमाका व चिख-पुखार की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। मलबे में दबी पत्नी राधा देवी, 13 वर्षीय पुत्री सपना व 8 वर्षीय पुत्री गन्ना को बड़लियास चिकित्सालय लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने राधा व सपना को मृत घोषित किया।

दोनों मां बेटी के शवों को बड़लियास चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया गया, मध्य रात्रि को हुए इस घटना के बाद मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ लग गई, मां बेटी की मौत के बाद कस्बे में शौक की लहर छा गई, वही हादसे के समय बिजली बंद होने से लोगों को बचाव कार्य में काफी परेशानी उठानी पड़ी । आज रविवार सुबह बड़लियास चिकित्सालय में ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता मुआवजा राशि की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। इस पर मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल, मांडलगढ़ एसडीएम अजित सिंह, भीलवाड़ा एसडीएम आव्हाद निवृत्ती सोमनाथ, बड़लियास नायब तहसीलदार मदन लाल शर्मा, मांडलगढ़ डिप्टी बाबू विश्नोई, कोटड़ी प्रधान करण सिंह बेलवा, पूर्व प्रधान विजय सिंह, बड़लियास सरपंच प्रकाश चंद्र रैगर, आमा सरपंच गोपाल सुवालका, सीआर दिलीप सिंह आदि मौके पर पहुंचे, जहां ग्रामीणों से घंटे भर तक वार्ता चली। आर्थिक सहायता मुआवजा राशि देने के आश्वासन के बाद ग्रामीण व परिजन पोस्टमार्टम करवाने को राजी होने के बाद में डॉक्टर द्वारा पोस्टमार्टम कर शव परिजनों के सुपुर्द किया।

बिजली जाने से बचीं भैरु की जान

भैरू सिंह ने बताया कि वह अपनी पत्नी व दोनों बच्चियों के साथ घर के बाहर बरामदे में सोया हुआ था, इसी दौरान बिजली चली जाने के कारण 12:30 बजे के आसपास नींद खुली तो बाथरूम करने के लिए उठा, बाहर से वापस लौटता इसे पहले ही पुरा का पुरा बरामदा धाराशाई होकर नीचे गिर गया, अगर लाइट नहीं जाती तो शायद नींद नहीं खुलती तो भेरू सिंह भी इस हादसे का शिकार हो जाता है।

6 दिन बाद शुरू होना था मकान की मरम्मत का कार्य

एकाएक शनिवार रात्रि में मकान का बरामदा भरभरा कर गिर गया, 6 दिन बाद बरामदे की मरम्मत का कार्य शुरू होने वाला था। मगर इससे पूर्व ही यह हादसा हो गया, जानकारी के अनुसार भैरू सिंह ने कुछ दिन पूर्व ही कारीकर को बुलाकर मकान की मरम्मत का काम करने की बात हुई थी, लेकिन बीज को शुभ मुहूर्त होने के चलते कार्य शुरू होना था, लेकिन इससे पूर्व ही यह हादसा हो गया, जिसमें मां बेटी की जान चली गई।

एक ही चिता पर हुआ मां बेटी का अंतिम संस्कार, हर आंख हुई नम

पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचे तो घर में चीख-पुकार फूट पड़ी, दोनों मां बेटी के शवों को देखकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया, मां बेटी की शव यात्रा एक साथ निकली तो शव यात्रा में शामिल हर किसी की आंखें नम हो गई, भीलवाड़ा रोड़ पर साल की तलाई में एक ही चिता पर मां बेटी का अंतिम संस्कार किया गया । चार सदस्यों वाले हंसते खेलते परिवार में अब पिता पुत्री ही बचे हैं ।

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