हलचल अलर्ट...और बन जाए असली 'नायक': अबकी बार, पटरी पार, घर-घर में कीचड़ है 'सरकार'
भीलवाड़ा। अबकी बार बारिश का मौसम पटरी पार की कॉलोनियों के लिए बड़ी मुसीबत लेकर आने वाला है। हालांकि अभी कुछ दिन बाकी है, मगर संबंधित अधिकारियों की नियत आमजन को होने वाली मुश्किल से निजात दिलाने वाली दिख नहीं रही है। यदि नियत होती तो सीवरेज कार्य के प्रथम चरण के दौरान शहरवासियों को हुई परेशानियों से सबक लेकर, इसे दूसरे चरण में सुधारते हुए खोदे गए गली मोहल्लों में सडक़ों को तत्काल पक्का किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई होती। दिखने में भले ही यह समस्या जिम्मेदारों को छोटी या अनावश्यक लगती हो, लेकिन शहर के सीवरेज के पहले चरण के बाद नए आए प्रशासनिक अधिकारियों को एक बार उस वक्त लोगों को हुई समस्याओं की जानकारी भी कर लेनी चाहिए। दूसरी तरफ शहर में घूम-घूम कर समस्याओं पर राजनीति करने वाले नेताओं को इन सैकड़ों परिवारों को होने वाली परेशानी की भी परवाह नहीं है। लोगों की समस्या को भांपकर उन्हें राहत पहुंचाने के लिए समय पर उनका काम करना ही नायक बनने की निशानी है, बजाए इसके की नेता और नौकरशाह एक दूसरे पर ठीकरा फोड़े। अभी भी मानसून में कुछ वक्त है, और आपदा में अवसर भी, जितना संभव हो लोगों को राहत पहुंचाकर असली नायक बना जा सकता है। वैसे इच्छा शक्ति हो तो यह काम ठीक उसी तरह है जैसे पहले चरण में आलीशान सरकारी बंगलों के बाहर सडक़ पर खुदाई के तुरंत बाद पक्का काम कर दिया गया था। परेशानी को लेकर लोगों को गुस्सा इस कदर है कि आने वाले निकाय चुनाव में वर्तमान स्थानीय सरकार को झटका दे सकते हैं।
बारिश का समय लगभग शुरू होने वाला है, लेकिन अबकी बार पटरी पार के अधिकांश में घरों में कीचड़ और गंदगी का भारी समस्या रहने वाली है। क्योंकि सीवरेज कार्य के चलते क्षेत्र की करीबन हर गली में खुदाई की गई है और कई जगहों पर अभी भी चल रही है। पक्की सडक़ों की खुदाई के चलते गांव के कच्चे रास्तों से भी बुरी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। इसे लेकर क्षेत्र के लोगों में सरकार, प्रशासन और संबंधित ठेकेदारों के प्रति भारी नाराजगी है। मुख्यतया बाबाधाम रोड, लक्ष्मी विहार, संतोष कॉलोनी आदि इलाकों में सीवरेज के लिए खोदी गई सडक़े औपचारिक तौर पर भरके छोड़ दिए गए है।
जगह-जगह पर खुदा हुआ शहर
अभी कुछ ही दिन पहले गंगापुर चौराहे पर गड्डें भरने के लिए पेचवर्क हुआ, मगर यह राहत लोगों के लिए कुछ दिन ही रही। अभी फिर से वहां खुदाई हो गई सडक़ पर बड़ा गड्डा कर दिया गया। इसी तरह सांगानेर रोड पर पावर हाऊस हनुमान मंदिर के सामने चौराहें पर करीब आधी सडक़ को खोदा गया है। शहर में कुंभा सर्किल से आजाद नगर चौराहे की तरफ जाने वाले मार्ग पर भी महीनों पहले सडक़ खोदी और गड्ढे को सहीं से नहीं भरने के चलते लोगों को परेशानी है। कई बार शिकायतों के बावजूद अभी तक इसकी सुध नहीं ली गई है।
राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी?
पूर्व में जब सीवरेज का पहला चरण का काम हुआ तब से लेकर अब दूसरे चरण के बीच प्रदेश में सरकार बदली है। भाजपा सरकार अपने कार्यों को तय समय पर पूरा करने का दम भी भरती है। भले ही एक ही विचारधारा हो, शहर में इस बार विधायक निर्दलीय चुनकर आए है। उनके समर्थक सोशल मीडिया पर तथा खुद विधायक कोठारी भी रोजाना ताड़बतोड़ शहर का दौरा कर रहे हैं। लेकिन विधायक खुद बीते दिनों यह कहते हुए सुनाई दिए है कि अधिकारी मिलीभगत के कारण उनकी सुन नहीं रहे हैं। दूसरी तरफ सत्तारूढ बीजेपी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता अपनी अलग ही धून में मगन है। ऐसे में आम जन की समस्या का निराकरण तय समय पर होना मुश्किल दिखाई दे रहा है। लोगों का कहना है कि यदि निर्दलीय विधायक और सत्ताधारी पार्टी के नेता मिलकर प्रयास करें तो युद्ध स्तर पर कार्य चलाकर जितना संभव हो सके राहत पहुंचा सकते हैं। क्योंकि पहले चरण की दुविधा झेलने वालों में वे भी शामिल है। ऐसे में आपसी राजनीतिक राग द्वेष को परे रखकर लोगों की समस्या का निराकरण कराए।
घायल हाने से लोगों को बचाओं
कई जगहों पर सीवर लाइन डालने के बाद सडक़ को क्षतिग्रस्त करके छोड़ दिया गया है। इन जगहों पर मिट्टी के ढेर फैले है। थोड़ी देर की बारिश में कीचड़ होना निश्चित है, इसके चलते वाहनों के फिसलने की वजह से लोग चोटिल हो रहे हैं। सीवरेज लाइन बिछाने के पहले चरण में लोगों को हुई परेशानियां किसी से छिपी नहीं है। कीचड़ व खराब सडक़ के कारण आए दिन लोगों के चोटिल होने की खबरे आम हो चुकी थी। गंदगी को लेकर पड़ोसियों तक में झगड़े होने लगे। अब नंबर पटरी पार के निवासियों का है। लोगों का कहना है कि बीते कड़वे अनुभव को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को तुरंत उनकी भलाई के लिए सोचना पड़ेगा। प्रशासन चाहे तो कई लोगों को घायल होने से बचा सकता है, शायद किसी की जान भी बच जाए।
पीने को पानी नहीं पूरा, कैसे करेंगे सफाई
बाबाधाम रोड पर आटा चक्की के सामने गली में रहने वाली सुलोचना ओझा ने बताया कि बड़ी मुश्किल से यहां सडक़ निर्माण हुआ था, पहले चंबल लाइन के दौरान खुदाई हुई थी, तब भी समस्या हुई थी। लेकिन सीवरेज लाइन के लिए तो पूरी सडक़ ही खुर्दबुर्द हो चुकी है। सडक़ सकरी होने के कारण पूरी गली में कीचड़ रहेगा। अभी दो दिन पहले हुई कुछ मिनटों के बूंदाबांदी ने आने वाले बड़ी आफत की सूचना दे दी थी। उन्होंने जल्द से जल्द सडक़ पक्की करवा राहत पहुंचाने की गुहार लगाई। वहीं कीचड़ से होने वाली गंदगी के मामले पर लोगों का कहना है कि उन्हें पीने का पानी भी पूरा नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में कीचड़ से होने वाली समस्या से कैसे पार पाया जाएगा। कीचड़ की गंदगी केवल एक बाल्टी पानी लेकर पोछा लगाने से नहीं मिटती है। ऐसे में लोगों का कहना है कि सफाई ना करे तो गंदगी में रहना पड़ेगा और सफाई करें तो पानी के अतिरिक्त टैंकर डलवाने की जरूरत पड़ेगी।