30 लाख की फिरौती के लिए हनुमान मंदिर के पुजारी को अगवा करने वाले तीन आरोपित गिरफ्तार
भीलवाड़ा BHN सबलपुरा गांव के हनुमान मंदिर के पुजारी शांतिलाल लौहार को अगवा कर रिहाई के बदले 30 लाख रुपये की फिरौती मांगने वाले तीन आरोपितों को मंगरोप पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे से पीड़ित की कार भी जब्त कर ली गई।
मंगरोप पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, कावांखेड़ा निवासी शांतिलाल लौहार सबलपुरा में कृष्ण गौशाला के पास स्थित हनुमान मंदिर में 5 साल से पूजा-पाठ करते आ रहे हैं। मंदिर के पास ही बने कमरे में रहते हैं। 10 जून की रात साढ़े दस बजे शांतिलाल ने पत्नी मंजू से बात की। इसके बाद वे कमरे में सो गये थे। सुबह मंजू ने पति को फोन किया तो फोन स्वीच ऑफ था। इसके चलते मंजू, बेटे रवि के साथ सबलपुरा पहुंची, जहां कमरे का दरवाजा खुला था। शांतिलाल वहां नहीं थे। कमरे में जाकर देखा तो बिस्तर पर खून बिखरा हुआ था। कमरे का सामान भी बिखरा मिला। सीसी टीवी कैमरे भी गायब थे। शांतिलाल की क्वीड कार भी वहां नहीं मिली। मंजू ने अपने बेटे राकेश को भी वहां बुलवा लिया और पति की तलाश शुरु की। करीब आठ बजे राकेश के मोबाइल पर कॉल आया। यह कॉल मंजू ने रिसीव किया। कॉल करने वाले ने कहा कि तेरा पति हमारे कब्जे में है । अगर तु इसकी सलामती चाहती है तो 30 लाख रूपये लेकर भीम के पास आ जा और पुलिस को कुछ मत बताना । भीम के पास आकर फोन कर लेना । उसके पति से भी फोन पर बात कराई । शांतिलाल ने पत्नी से कहा कि इनको पैसा देकर छुडा लो । इसके बाद भी बार-बार इन नम्बरो से पैसा के लिये फोन आते रहे । इसके चलते मंजू ने मंगरोप पुलिस को सूचना दी। बाद में राकेश के फोन पर कॉल आया। अपहरणकर्ताओं ने कहा कि अगर महाराज की सलामती चाहते हो तो जल्दी पैसा लेकर आ जाओ । मंजू ने अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करवाई, जिसमें बताया कि उसके पति को उनकी कार सहित अपहरण कर बंधक बना लिया। कमरे में रखे सामान में भी तोडफोड की है ।
मंजू की रिपोर्ट पर पुलिस ने केस दर्ज किया। साथ ही जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत के आदेश से डीएसपी सदर श्यामसुंदर विश्नौई के सुपरविजन और थाना प्रभारी डॉ. विवेक हरसाना के नेतृत्व में टीम गठित की। इस टीम ने अथक प्रयास कर अगवा शांतिलाल को अपहरण की सूचना मिलने के कुछ घंटों बाद ही देवगढ़ चौराहा से मुक्त करवा लिया था। पुलिस का कहना है कि अपहरणकर्ता, इस पीड़ित को वहां छोड़कर भाग छूटे थे। वहीं पीड़ित ने पुलिस को बताया कि आरोपितों ने पीड़ित को देवगढ़ क्षेत्र में एक आरोपित वीरमवन के घर ले जाकर बंधक बनाकर मारपीट की थी। उधर, वारदात के बाद से फरार तीनों आरोपितों को पुलिस ने पीड़ित की कार सहित मांडल चौराहा से डिटेन किया, जिन्हें पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़े गये आरोपितों राजसमंद जिले के देवगढ़ थाना इलाके के कुवास का गुढ़ा निवासी वीरम वन पुत्र लच्छूवन व करेड़ा थाने के आसन निवासी भरत पुत्र गोपालनाथ और करेड़ा निवासी कमलेश पुत्र दिनेश नुवाल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि पुजारी का अपहरण, आरोपितों ने फिरौती वसूलने के लिए किया था। तीनों आरोपितों से पुलिस पूछताछ कर रही है। इस कार्रवाई को अंजाम देने वाली टीम में थाना प्रभारी के साथ हैडकांस्टेबल शंकर नाथ, कांस्टेबल सचिन, शनि, सुनील, सुरेश व महिला कांस्टेबल प्रमिला आदि शामिल थे।