आज है कारगिल विजय दिवस? आप जानते है इस दिन का इतिहास और महत्व

आज है कारगिल विजय दिवस? आप जानते है इस दिन का इतिहास और महत्व
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कारगिल विजय दिवस देश जांबाज सैनिकों के बलिदानों की याद और उनकी वीरता का उत्सव है। इस साल, 2024 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर 26 जुलाई को लद्दाख के द्रास का दौरा करने वाले हैं।


हर साल 26 जुलाई को मनाया जाने वाला कारगिल विजय दिवस भारत की तारीख में एक काफी अहम दिन है। यह 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान मुल्क के लिए अपनी जान की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों की बहादुरी को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। यह दिन देश की संप्रभुता की रक्षा करने वाले भारतीय सैनिकों के साहस और बलिदान का सम्मान करता है। इस साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ में शामिल होने के लिए 26 जुलाई को लद्दाख के द्रास जाएंगे।

विजय दिवस का इतिहास


कारगिल विजय दिवस का इतिहास 1971 की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध से जुड़ा है, जिसके कारण पूर्वी पाकिस्तान 'बांग्लादेश' नाम से एक अलग देश बना। इसके बाद भी दोनों देशों के बीच एक-दूसरे के साथ टकराव जारी रहा, जिसमें आसपास के पहाड़ी इलाकों पर सैन्य चौकियां तैनात करके सियाचिन ग्लेशियर पर हावी होने की लड़ाई भी शामिल थी। उन्होंने 1998 में अपने परमाणु हथियारों का परीक्षण भी किया, जिसके कारण दोनों के बीच लंबे समय से दुश्मनी चलती रही।

हर साल 26 जुलाई को मनाया जाने वाला कारगिल विजय दिवस भारत की तारीख में एक काफी अहम दिन है। यह 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान मुल्क के लिए अपनी जान की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों की बहादुरी को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। यह दिन देश की संप्रभुता की रक्षा करने वाले भारतीय सैनिकों के साहस और बलिदान का सम्मान करता है। इस साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ में शामिल होने के लिए 26 जुलाई को लद्दाख के द्रास जाएंगे


जब भारत को मई 1999 में घुसपैठ का पता चला, तो भारतीय सेना को 'ऑपरेशन विजय' शुरू करना पड़ा और कारगिल युद्ध हुआ। यह संघर्ष भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के कारगिल जिले और एलओसी पर मई से जुलाई 1999 तक चला। करीब दो महीनों तक दुर्गम पहाड़ी इलाके में भीषण युद्ध चला। 'ऑपरेशन विजय' के तहत भारतीय सेना पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने में कामयाब रही और टाइगर हिल और दूसरे रणनीतिक ठिकानों पर सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया।

26 जुलाई, 1999 को तीन महीने के संघर्ष के बाद भारतीय सैनिकों ने ये जीत हासिल की। युद्ध में भारत की जीत, भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान का सम्मान करने के लिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।

कारगिल विजय दिवस का महत्व

कारगिल विजय दिवस का आयोजन राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति का भी एक सशक्त प्रतीक है। कारगिल युद्ध ने भारत के सभी कोनों से लोगों को सेना के समर्थन में एकजुट किया।इसके अलावा, युद्ध की बहादुरी और वीरता की कहानियां आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं, उनमें राष्ट्र के प्रति कर्तव्य और समर्पण की भावना पैदा करती हैं। कारगिल विजय दिवस इसलिए भी मनाया जाता है कि शहीदों के बलिदानों को भुलाया न जाए।

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