टॉपर लड़कियों को अब नहीं मिलेगी स्कूटी: पुरस्कार राशि में भी कटौती, योजना का नाम बदला

भीलवाड़ा । राजस्थान सरकार ने टॉपर छात्राओं को मिलने वाले इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार में बड़ा बदलाव करते हुए न सिर्फ पुरस्कार की राशि घटा दी है, बल्कि अब स्कूटी भी नहीं दी जाएगी । इसके अलावा योजना का नाम बदलकर "पद्माक्षी पुरस्कार योजना कर दिया गया है।
शिक्षा विभाग की ओर से शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी किए गए
अब तक 8वीं, 10वीं और 12वीं कक्षा में जिला स्तर पर टॉप करने वाली छात्राओं को स्कूटी और नकद पुरस्कार दिया जाता था। लेकिन अब स्कूटी पूरी तरह बंद कर दी गई है , और नकद राशि में भी 15 से 25 हजार रुपये तक की कटौती की गई है।
अब ये होंगे नियम
* **जिला टॉपर** बनने के साथ **कम से कम 60% अंक लाने अनिवार्य** होंगे।
* **स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल** के विज्ञान वर्ग की छात्राओं के लिए **9 CGPA से अधिक अंक आवश्यक** होंगे।
* संस्कृत शिक्षा विभाग और **विवेकानंद स्कूल** की छात्राओं को अलग से पुरस्कृत किया जाएगा।
* **व्यवसायिक शिक्षा** (Vocational) में 10वीं और 12वीं कक्षा की जिला टॉपर छात्राएं भी इस योजना के तहत शामिल रहेंगी।
हर साल बसंत पंचमी पर मिलेगा पुरस्कार
बालिका शिक्षा फाउंडेशन की ओर से हर साल बसंत पंचमी के अवसर पर यह पुरस्कार जिला स्तर पर प्रदान किया जाता है।
सवाल उठ रहे हैं कि सरकार ने यह योजना ऐसे समय पर बदली है जब बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता पहले से अधिक महसूस की जा रही है।**
टॉपर लड़कियों को अब नहीं मिलेगी स्कूटी: पुरस्कार राशि में भी कटौती, योजना का नाम बदला
