अलसुबह दर्दनाक हादसा-: 11 केवी लाइन के टूटे तार की चपेट में आये युवक की मौत, गर्दन कटकर अलग, मुआवजे के लिए प्रदर्शन

11 केवी लाइन के टूटे तार की चपेट में आये युवक की मौत, गर्दन कटकर अलग, मुआवजे के लिए प्रदर्शन
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भीलवाड़ा बीएचएन। जिले के बरोदा गांव में शुक्रवार अल सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। जहां 11 केवी लाइन से टूटकर झुले बिजली के तार की चपेट में आने से युवक की गर्दन कटकर अलग हो गई। हादसे में युवक की मौके पर मौत हो गई। इतना ही नहीं, पास ही खेत में रखा चावल का चारा भी आग लगने से जल गया। अचानक घटी घटना से परिजन स्तब्ध और शोक में आ गये, वहीं ग्रामीणों में हडक़ंप मच गया। गुस्साये ग्रामीण इस घटना का जिम्मेदार बिजली विभाग को बताते हुये मुआवजे की मांग की। करीब एक घंटे चली वार्ता के बाद बिजली निगम अधिकारियों ने मुआवजे का आश्वासन दिया। इसके बाद ही मौके से शव उठाया जा सका।

टूटी हाईटेंशन लाइन बनी मौत की वजह

शक्करगढ़ थाना प्रभारी पूरणमल मीणा के अनुसार, बरौदा निवासी भंवर लाल 40 पुत्र हजारी लाल गुर्जर शुक्रवार सुबह अपने गांव से ट्रैक्टर लेकर शक्करगढ़ जाने के लिए निकला। इससे पहले उसे ट्रैक्टर मालिक और अपने भतीजे रमेश गुर्जर के बरोदा स्थित मकान पर जाना था।

करीब 200 मीटर दूर सडक़ पर ट्रैक्टर खड़ा कर भंवर लाल जैसे ही कुछ दूर गया, वहां 11000 केवी हाईटेंशन लाइन रास्ते में टूटी हुई जमीन पर पड़ी थी। भंवर लाल बिजली लाइन की जद में आ गया, और तेज करंट की चपेट में आने से उसकी गर्दन कटकर अलग हो गई । इतना ही नहीं, नजदीक ही स्थित रमेश गुर्जर के ही खेत में गिरी लाइन से वहां रखे सात-आठ बीघा चावल के चारे में भी आग लग गई। दृश्य इतना भयावह था कि ग्रामीणों में दहशत फैल गई। अफरा-तफरी के बीच ग्रामीणों ने आग पर काबू पाने के प्रयास शुरु करते हुये पुलिस को सूचना दी। थाना प्रभारी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे।

ऐसे चला घटना का पता

रमेश गुर्जर ने बीएचएन को दूरभाष पर बताया कि उसका भतीजा भोजराज अल सुबह घर से फ्रेश होने जाने के लिए निकला था। उसे भंवर लाल का क्षत-विक्षत शव पड़ा नजर आया। भोजराज ने उन्हें (रमेश) इसकी सूचना दी। इस पर रमेश मौके पर पहुंचे और भंवर के परिजनों को सूचना दी। इसके बाद परिजन व बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गये। वहां का दृश्य देखकर हर किसी की आंख नम हो गई।

परिवार में गुस्सा- मुआवजे और अधिकारियों की की मांग

हादसे के बाद मृतक के परिजनों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश फूट पड़ा। परिवारजन ने मुआवजे तथा बिजली विभाग और पटवारी को मौके पर बुलाने की मांग की। ये लोग घटना का जिम्मेदार बिजली विभाग के अधिकारियों को बता रहे हैं।

अधिकारियों का मौके पर जमावड़ा, मिला आश्वासन

मामले की गंभीरता को देखते हुए पटवारी और बिजली विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे।

ग्रामीणों और अधिकारियों के बीच तनावपूर्ण माहौल में वार्ता हुई। करीब एक घंटे चले प्रदर्शन के बाद बिजली निगम, जहाजपुर के एक्सईएन ने सरकारी नियम के मुताबिक मुआवजा देने की घोषणा की। इसके बाद ही शव को घटनास्थल से उठाया जा सका। शव, पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया, जिसका गमगीन माहौल में दाह-संस्कार कर दिया गया।

छह भाइयों में एक और मासूम बेटे-बेटी का पिता था भंवर

रमेश गुर्जर ने बताया कि हादसे के शिकार उसके काका भंवर लाल छह भाइयों में एक थे। उनके एक पांच-छह साल की बेटी और आठ-नौ साल का बेटा है। भंवर की मौत से इन बच्चों के सिर से पिता का साया हमेशा के लिए छिन गया। वहीं इस हृदयविदारक घटना से हर कोई स्तब्ध और गमगीन है।

बढ़ता आक्रोश, जिम्मेदारी तय करने की मांग

स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिजली विभाग की घोर लापरवाही के कारण यह बड़ा हादसा हुआ है। ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा है कि जब तक उचित मुआवजा और जिम्मेदारी तय नहीं होगी, वे न तो शांत बैठेंगे और न ही शव उठायेंगे। यह घटना फिर एक बार बिजली विभाग की कार्यप्रणाली और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

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