किसने किया गोलमाल? आयुक्त का तबादला होने के डेढ माह बाद जारी पट्टे में उन्हीं के हस्ताक्षर

आए दिन मिल रही भ्रष्टाचार की शिकायते

भीलवाड़ा। शहर में इन दिनों भूखंडों और पट्टों को लेकर राजनीतिक गलियारों में माहौल गर्माया हुआ है। इसकी आंच में सरकारी अफसर भी तप रहे हैं। शहर में चाहे यूआईटी हो या नगर परिषद दोनों जगह से आए दिन पट्टे जारी करने के मामले में भ्रष्टाचार की जानकारी सामने आ रही है। आरोप इस बार भी गंभीर है, जिसकी जद में सभापति, अधिकारी, कर्मचारी सब आते दिखाई दे रहे हैं। भीलवाड़ा नगर परिषद में आयुक्त के तबादले के बाद उस पद पर नए अधिकारी ने पदभार ग्रहण कर लिया। इसके बाद करीब 1 माह 25 दिन बाद एक भूखंड का पट्टा जारी होता है, जिसमें तबादला होकर दूसरी जगह जा चुके आयुक्त का हस्ताक्षर किया जाता है। ऐसे में सवाल यह है कि जिस अधिकारी का तबादला हुए डेढ माह से अधिक समय बीत गया, उसके हस्ताक्षर पट्टे पर किसने किए यह गंभीर जांच का विषय है। उक्त पट्टे में इतनी कमियां है जो भ्रष्टाचार किए जाने की तरफ ईशारा करती है कि कमियों के बावजूद नगर परिषद ने पट्टा जारी कर दिया।

गंभीर जांच का विषय

पटृा संख्या- न.प.भी./PSKS-2021/रा.शा./12644, 27 अप्रेल 2023 को जारी किया। इस पट्टे पर नगर परिषद आयुक्त दुर्गा कुमारी के हस्ताक्षर हैं, जबकि यहां गौर करने वाली बात यह है कि दुर्गा कुमारी का ट्रांसफर भीलवाड़ा नगर परिषद आयुक्त पद से 28 फरवरी 2023 को ही बयाना भरतपुर नगर पालिका में हो गया था एवं नए आयुक्त हेमाराम चौधरी ने 1 मार्च 2023 को पदभार ग्रहण भी कर लिया था। ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि 27 अप्रैल 2023 को दुर्गा कुमारी के हस्ताक्षर किसने किए यह गंभीर जांच का विषय हैं।


खाली भूखंड का जारी कर दिया आवासीय पट्टा

जारी किए गए पट्टे पर पट्टा शुल्क 501 रुपए की रसीद संख्या, क्रम संख्या का विवरण भी नहीं है जो पूर्णता गैर कानूनी है। 69 ए के तहत पट्टा जारी करने के मुख्य शर्त यह है कि वहां पर रहवास होना चाहिए एवं लाइट कनेक्शन होना चाहिए। जबकि वर्तमान में वहां कुछ भी नहीं है, एक खाली भूखंड का आवासीय पट्टा जारी कर दिया गया। जो की पूर्ण रूप से गैर कानूनी है।

भूखंड की वर्तमान कीमत 1 करोड़ 70 लाख

जारी किया गया पट्टा नगर परिषद भीलवाड़ा की आवासीय योजना में है। जिसमें नीलामी के द्वारा भूखंड नीलम किए गए एवं किए जाने प्रस्तावित हैं। जारी किए गए पट्टे की साइज 49 गुणा 89 है जिसकी वर्तमान में बाजार दर 4000 हजार रुपए प्रति स्कवायर फीट हैं। जिसके हिसाब से जारी किए गए पट्टे की कुल कीमत 1 करोड़ 70 लाख रुपए बनती हैं। ऐसे में अब सभापति राकेश पाठक एवं अधिकारियों के द्वारा भीलवाड़ा नगर परिषद को राजस्व का नुकसान पहुंचाने के आरोप लग रहे हैं।

पट्टा बनने से पहले ही करा लिया पंजीयन

नगर परिषद भीलवाड़ा ने दिनांक 27 अप्रैल 2023 , पट्टा कान सिंह पुत्र देवी सिंह सांखला के नाम से जारी किया गया एवं उक्त पट्टे का प्रथम पंजीयन 2 जून 2023 को कराया, प्रथम पंजीयन एवं पट्टा जारी करने के दिनांक में भी काफी अंतर हैं जो भी एक भ्रष्टाचार की ओर इंगित करता है। रोचक तथ्य यह है कि पट्टा धारक ने नगर परिषद द्वारा जारी किए गए पट्टा के पंजीयन से पूर्व ही विक्रय इकरार का उप पंजीयन कार्यालय में पंजीयन कर दिया जो भी गंभीर भ्रष्टाचार की ओर इंगित करता है।

सभापति के निलंबन की मांग

भाजपा के ही पार्षद राजेश सिसोदिया ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को उक्त मामले में पत्र व कागजात भेजकर जांच कारा दोषी अधिकारियों एवं पद के दुरुपयोग में सभापति राकेश पाठक को निलंबित करने की मांग की है। सिसोदिया ने बताया कि नगर परिषद भीलवाड़ा द्वारा कृष्णा नगर आवासीय योजना में नगर परिषद में राकेश पाठक ने पद का दुरुपयोग कर 69 ए के तहत अवैध पट्टा बनवा दिया। मामले में इतनी सब कमियां गंभीर भ्रष्टाचार की ओर इंगित करती है। इतनी कमियां होते हुए भी नगर परिषद भीलवाड़ा ने पट्टा जारी किया इससे स्पष्ट होता है कि इस प्रकरण में ऊपर से लेकर नीचे तक सभी लिप्त हैं। चाहे वह कर्मचारी हो, अधिकारी हो, बाबू हो या नगर परिषद सभापति स्वयं राकेश पाठक। सिसोदिया ने कहा कि मामले में जांच और दोषियों पर कार्रवाई होनी आवश्यक है तथा सभापति द्वारा पद का दुरुपयोग कर अवैध पट्टा बनाकर राजस्व नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए।

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